Ranchi : कोविड 19 संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसमें सरकार और प्रशासन के अलावा कई व्यक्ति विशेष और संगठन बढ़-चढ़ कर लोगों की मदद के लिए सामने आ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर जिन्हें सच में मदद करनी चाहिए, वे आपदा को लूट के अवसर में बदलकर कालाबाज़ारी और मुनाफाखोरी कर रहे हैं. शनिवार को जिला प्रशासन को कांके के आयुष्मान नर्सिंग होम द्वारा कोरोना मरीज के इलाज के लिए तय मानक से ज्यादा वसूली किए जाने की शिकायत मिली. जांच में यह शिकायत सही निकली. डीसी छवि रंजन नर्सिंग होम शोकॉज जारी कर 24 घंटे में जवाब देने का आदेश दिया है.
इलाज में लगने वाले पैसे से 62,440 रुपये अधिक ले रहा था नर्सिंग होम
प्रशासन को आयुष्मान नर्सिंग होम में कोविड इलाज करवा रही कांके की रहने वाली सुमित्रा देवी ने हॉस्पिटल पर तय मानक से ज्यादा वसूली करने की शिकायत की थी. शिकायत मिलने पर कार्यपालक दंडाधिकारी सदर रांची द्वारा मामले की जांच की गई. जांच के दौरान पाया गया कि पूरे इलाज़ में लगने वाले खर्च से नर्सिंग होम 62,440 रुपये अधिक की मांग कर रहा था. इसके साथ ही पैसे जमा नहीं करने पर डॉक्टर इलाज नहीं करने की धमकी दे रहे थे.
तो हो सकता है नर्सिंग होम का अनुबंध रद्द
इस पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने अस्पताल प्रबंधन को 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. संतुष्ट जवाब नही देने पर नर्सिंग होम पर DM Act-2005 और CRPC की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी. साथ ही नर्सिंग होम का अनुबंध भी रद्द करने की बात कही गई.
प्रतिदिन के हिसाब से सरकार ने फिक्स किये हैं रेट
आपको बता दे कि प्राइवेट हॉस्पिटलों द्वारा कोविड इलाज़ के मनमाने पैसे वसूले की शिकायत लगातार मिल रही थी. इसके बाद सरकार ने ऑक्सीजन बेड, बिना वेंटिलेटर्स के आईसीयू बेड और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू बेड की कीमत निर्धारित की थी. बीएड के अनुसार नॉन एनएबीएच के लिए यह 7500 रुपये से 11,500 रुपये और एनएबीएच के लिए 8000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से फिक्स किए गए हैं.