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भादो एकादशी का करम पर्व हर्षोल्लास से सम्पन्न

प्रकृति, परंपरा और उल्लास से झूम उठा अखड़ा

Ranchi : आस्था और परंपरा के रंगों से सराबोर प्रकृति पर्व करमा पूजा गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ. शहर के गली-मोहल्लों की अखड़ा की करम डाली को सुबह में विसर्जित कर दिया गया. वही मुख्य अखड़ों की करम पर्व की गूंज डीजे की धुन दिन भर रही.

 

सुबह से ही महिलाएं और युवतियां पारंपरिक वेशभूषा में सज-धजकर अखड़ों में पहुंचने लगी. उन्होंने करम देव की पूजा-अर्चना कर परिवार की खुशहाली और स्वास्थ्य की कामना की.

 

सुबह नवविवाहिता महिलाओं ने दिया करम देव को अर्घ्य

सुबह होते ही नवविवाहिता महिलाओं ने स्नान-ध्यान कर अखड़ा पहुंचकर करम देव को जल अर्पित किया. अगरबत्ती और दीप प्रज्ज्वलित कर आरती उतारी और पारिवारिक सुख-शांति, संतान की दीर्घायु एवं स्वास्थ्य की प्रार्थना की. पूरे अखड़ा परिसर में महिलाओं की श्रद्धा और भक्ति से अखड़ा का वातावरण सरोबार बना रहा.

 

मुख्य अखड़ों में दिनभर रहा करम उत्सव का माहौल

करमटोली, चडरी, हरमु देशावली और अरगोड़ा समेत रांची के प्रमुख अखड़ों में दिनभर श्रद्धालू गीत-संगीत और नृत्य में झूमते रहे. डीजे की धुन और नगाड़े की थाप पर युवा-युवतियां नागपुरी गीतों पर झूमर नृत्य कर रहे थे. चारों ओर करम पर्व का उल्लास और उत्साह बना रहा. मानो पूरा शहर करम पर्व की उमंग में डूब गया हो.

 

विसर्जन जुलूस में दिखा अनुशासन और भाईचारा


हातमा और करम टोली की करम डाली को घर घर ले जाया गया. जहां पवित्र जल से पूजा की गई एवं करम डाली से आशीर्वाद प्राप्त किए गए. करमटोली की अखड़ा की करम गोसाई की करम डालियां विसर्जन यात्रा के साथ तालाब की ओर बढ़ीं.

 

हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी के बावजूद अनुशासन और शांतिपूर्ण माहौल देखने को मिला. भक्तजन हाथों में हाथ थामे हुए गीत गाते और झूमते हुए विसर्जन यात्रा में शामिल हुए. शाम 5 बजे विसर्जित किया जाएगा.

 

प्रसाद वितरण से महका अखड़ा परिसर

पूजा-अर्चना के उपरांत करमा पूजा समितियों द्वारा करम गौसाई को अर्पित प्रसाद श्रद्धालुओं के बीच बांटा गया. चूड़ा, बुंदिया, केला, सेव, खीरा और चना का प्रसाद पाकर भक्तों के चेहरे खिल उठे. बच्चे और बुजुर्ग सभी प्रसाद ग्रहण कर आनंदित दिखे.

 

करम पर्व बना सांस्कृतिक समागम का अखड़ा

करम पर्व सिर्फ पूजा तक सीमित नहीं रहा. यह सांस्कृतिक मिलन का अद्भुत अवसर बन गया. यहां पारंपरिक गीत, वाद्ययंत्रों की थाप और झूमर नृत्य ने अखड़ों में उत्सव का रंग घोल दिया. महिलाएं, युवा और बच्चे सभी इसमें समान रूप से शामिल हुए और गीत संगीत पर झूमते रहे.


मुख्य अखड़ा का करम 5 होगा विसर्जित

हरमु देशावली, अरगोड़ा टोंगरी टोला, लालपुर का अखड़ा का करम 5 सितंबर को विसर्जित किया जाएगा. सरना धर्मावलंबी रेशमा ने बताई की गुरुवार को अखड़ा में पहुंचने वाले अतिथियों को जावा खोसा जाएगा, इसके बाद मुहल्ला के घर घर जाकर लोगों को जावा खोसा जाएगा. वहीं, अरगोड़ा टोंगरी टोला अखड़ा का करम डाली तालाब में विसर्जित कर दिए जाएंगे.

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