Ranchi : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रामगढ़ के करमा प्रोजेक्ट में हुए दर्दनाक हादसे पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि यह खबर सुनकर मन अत्यंत व्यथित और आक्रोशित है. कोयले की अवैध खदान में कई श्रमिक भाईयों के दबे होने की आशंका है. मैं ईश्वर से उनकी सलामती की प्रार्थना करता हूं और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. हम इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हैं. यह मौत का सिलसिला अब बंद होना चाहिए. इस सरकार को हर एक जान का हिसाब देना होगा!
रामगढ़ के करमा प्रोजेक्ट में हुए दर्दनाक हादसे की ख़बर सुनकर मन अत्यंत व्यथित और आक्रोशित है। कोयले की अवैध खदान में हमारे कई श्रमिक भाइयों के दबे होने की आशंका है। मैं ईश्वर से उनकी सलामती की प्रार्थना करता हूँ और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ।… pic.twitter.com/GQdabmiKve
— Babulal Marandi (@yourBabulal) July 5, 2025
यह कोई हादसा नहीं, यह हत्या है
बाबूलाल ने आगे लिखा है कि यह कोई हादसा नहीं, यह हत्या है! यह हत्या उस भ्रष्ट और निकम्मी सरकार की लापरवाही से हुई है, जो दिन के उजाले में चल रहे इस अवैध कारोबार से अपनी आंखें मूंदे बैठी है. कब तक झारखंड के गरीब यूं ही अपनी जान गंवाते रहेंगे? रामगढ़ हो या धनबाद, हजारीबाग हो या बोकारो, चौतरफा मौत का यह काला कारोबार फल-फूल रहा है और सरकार दावा करती है कि उसे कुछ पता नहीं! हर एक जान की जिम्मेदार यह राज्य सरकार है.
पुलिस और सरकारी संरक्षण में हो रहा अवैध कोयले का कारोबार
यह अपराध किसके संरक्षण में हो रहा है, यह किसी से छुपा नहीं है. यह पूरी तरह से पुलिस और सरकारी संरक्षण में हो रहा है. जब राज्य को ही एक अवैध डीजीपी चला रहे हों, तो फिर किससे क्या ही पूछना? सीसीएल ने खदान बंद कर दी, लेकिन सरकार के नाक के नीचे माफिया ने उसे फिर से शुरू कर दिया. यह सरकार की नाकामी नहीं, तो और क्या है?