: शहर और गांव के शैक्षणिक संस्थानों में सरस्वती पूजा की धूम
छोटे बच्चे आज से ही करते हैं शिक्षा का शुभारंभ
नन्हें-मुन्ने बच्चे सरस्वती पूजा के दिन से ही शिक्षा की शुरुआत करते हैं. इसमें दो-तीन साल के बच्चों को लेकर मां सरस्वती के पास पूजा कराने के बाद विधिवत रुप से पढ़ाने-लिखाने की शुरुआत की जाती है. बच्चे चौक से स्लेट पर लिखकर शिक्षा की शुरुआत करते हैं. पंडालों में मां सरस्वती की भव्य प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की गयी. खरसावां में पंडाल बनाकर विद्युत सज्जा की विशेष व्यवस्था की गयी है. इसे भी पढ़ें:रांची">https://lagatar.in/maa-saraswatis-temple-in-ranchi-here-3-slogans-are-held-together-know-the-importance-of-slogans/">रांचीमें मां सरस्वती का एकमात्र मंदिर, यहां लगते हैं एक साथ 3 नारे, नारों का महत्व जानें [wpse_comments_template]

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