Kiriburu (Shailesh Singh) : सारंडा के गंगदा पंचायत अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय दोदारी स्कूल में डॉक्टर और एमबीबीएस के छात्रों बच्चों को पढ़ाया. स्कूल में चिकित्सा शिविर लगाकर बच्चों की जांच कर जरूरी दवाएं भी दीं. बच्चों को पढ़ाने और उनकी चिकित्सीय जांच करने वालों में सेल, चिड़िया अस्पताल के डॉ. राजकुमार, उनकी पत्नी डॉ. नीतु कुमारी, उनका बेटा एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र दिव्यांशु राज एवं साथ में पढ़ाई करने वाला उसका दोस्त सानु कुमार गुप्ता शामिल थे. चिकित्सक परिवार के इस सराहनीय कार्य से प्रभारी प्राचार्य उत्तम कुमार दास व अन्य शिक्षकों के अलावे सभी छात्र-छात्रायें प्रभावित हुये. प्राचार्य ने डा राजकुमार को सम्मानित भी किया.
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उल्लेखनीय है कि सारंडा के सुदूरवर्ती गांव स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय दोदारी के प्राचार्य उत्तम कुमार दास सरकारी उपेक्षाओं, अव्यवस्था व शिक्षक-शिक्षिकाओं की भारी कमी के बावजूद स्वयं के प्रयास से इस विद्यालय को मंदिर व छात्र-छात्राओं को अपने संतान की तरह मानते हुये दोनों के विकास हेतु निरंतर कार्य कर रहे हैं. वर्ष 2020 में इन्हें स्वच्छ विद्यालय का पुरस्कार मुख्यमंत्री द्वारा दो लाख रुपये मिला था. इस व्यक्तिगत पैसे के अलावे विद्यालय विकास अनुदान राशि का कुछ पैसा लगाकर लगभग एक एकड़ में फैले स्कूल की बाउन्ड्री का निर्माण ईंट व लोहे की जाली से करा दी. पहले बाउन्ड्री हेतु विभाग को कई बार पत्र लिख कर आवेदन किया लेकिन विभाग ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
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इस विद्यालय में वर्ग 1 से 10वीं तक की पढ़ाई होती है. नामांकित बच्चों की संख्या 286 है. इतने बच्चों को पढ़ाने हेतु प्राचार्य उत्तम कुमार दास के रुप में एकमात्र स्थायी शिक्षक के अलावे 3 पारा शिक्षक हैं. उच्च वर्ग व दसवीं के बच्चों को पढ़ाने के लिए आज तक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है. प्राचार्य उत्तम कुमार दास एवं कुछ बच्चों के अनुदान से 10वीं के बच्चों को विज्ञान की पढ़ाई हेतु चिड़िया निवासी शिक्षक अजय तांती को स्वयं से नियुक्त किया गया है, जो प्रतिदिन बच्चों को पढ़ाने आते हैं.
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इस विद्यालय में मात्र चार कमरों में 10वीं तक की पढ़ाई होती है. कमरा के अभाव में बच्चे विद्यालय के बाहर बैठकर पढ़ते हैं. इस विद्यालय में दूर-दराज के गांवों से बच्चे न सिर्फ पढ़ने आते हैं, बल्कि दोदारी गांव में भी दूसरे गांव के कुछ बच्चे रहकर पढ़ाई करते हैं. वर्षांत के मौसम में चारों कमरा में छत से पानी सीपेज होता है. विद्यालय में अतिरिक्त कमरा बनाने की मांग वर्षों से हो रही है. लेकिन आज तक जरूरत अनुसार अतिरिक्त कमरा बनाने का कार्य प्रारम्भ नहीं हो सका है.
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