Kiriburu (Shailesh Singh) : पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर पूर्व में किये गए बालू की कालाबाजारी की जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि बालू विकास की रीढ़ है. विगत पांच वर्षो से लगातार झारखंड की विकास योजनाओं में बालू का उपयोग होता रहा है. बिना बालू की निविदा एवं निलामी के झारखंड में व्यापक रूप से बालू की कालाबाजारी हुई है और सरकार को अरबों रुपयों का नुकसान हुआ है. राज्य में 608 बाबू घाट चिन्हित है. सरकार बालू घाटों की निलामी जेएसएमडीसी से करना चाहती है. सरकार एक तरफ यह कहते थक नहीं रही है कि झारखण्ड में पेसा – कानुन लागू होगा, तो दूसरी ओर लघु खनिज पदार्थो को जेएसएमडीसी से निविदा एवं निलामी करने का षडयंत्र भी कर रही है.
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टीएसी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है – बोबोंगा
उन्होंने कहा कि झारखंड एक पांचवी अनुसूची राज्य है. ऐसे मामलों में टीएसी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. सरकार के इस ढुलमूल रवैये से यह साफ दिखाई दे रहा है कि वह झारखंड के लघु सम्पदाओं को बाहरी पूंजीपतियों से लूटवाना चाहती है. उन्होंने कहा कि विगत कई वर्षों से की गई बालू की कालाबाजारी का हिसाब कौन देगा. विगत कई वर्षों के विकास योजनाओं का समीक्षा करते हुए बालू की कालाबाजारी का आकलन की जाय और पूर्व में किये गए बालू के कालाबाजारी की निष्पक्ष जांच कराई जाय.
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