- बंद खदानें खोलवाने, वनाधिकार का पट्टा लेने व अपना हक अधिकार देने की मांग
- घंटा बजाओ सरकार जगाओ अभियान में उमड़े ग्रामीण
: उत्कृष्ट कार्य के लिये सोनुआ का बालेसिंगी को-ऑपरेटिव सोसायटी सम्मानित
बड़ाजामदा में आयोजित होगा विशाल आम सभा
वर्तमान सरकार ने सारंडा की प्रायः खदानों को एक साजिश के तहत वर्षों से बंद रखी है, ताकि ग्रामीण व बेरोजगार आगे नहीं बढ़ सकें. ग्रामीणों को अपने परिवार का पालन-पोषण करना काफी मुश्किल हो गया है. आए दिन विभिन्न रेलवे स्टेशनों से पलायन करने वाले बेरोजगारों की भीड़ दिखाई देती है. लगभग पांच साल से झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की हेमंत सरकार राज्य में बनी है, तब से हेमंत सरकार लाखों पदों पर नियुक्ति निकाल कर नौकरी देने की बात कही है. लेकिन अब तक एक प्रतिशत लोगों को नौकरी नहीं मिली है और न ही बेरोजगारी भत्ता दिया गया है. झामुमो ने 2019 के विधानसभा चुनावी घोषणा पत्र में कहा था अगर हम नौकरी नहीं देंगे तो बेरोजगारों को 5000 एवं 7000 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देंगे. खदान खोलो अभियान यात्रा के अंतिम दिन 28 अगस्त को बड़ाजामदा में रैली एवं विशाल आमसभा का आयोजन किया जायेगा. इसे भी पढ़ें : Chandil">https://lagatar.in/chandil-a-murmur-of-agitation-has-started-regarding-the-bad-condition-of-the-road/">Chandil: बदहाल सड़क को लेकर आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू
मुश्किल से रोजमर्रा की जरूरतों को करते हैं पूरा
गीता कोड़ा ने कहा कि सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र के जंगलों में आदिवासी एवं अन्य समुदाय सदियों से निवास करते आ रहे हैं. इनकी संख्या लाखों में है. इन क्षेत्रों के निवासी वनोत्पाद खाकर या बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं. इन पैसों से वे रोजमर्रा की जरूरत की चीजों को बहुत मुश्किल से पूरा करते हैं. इनलोगों का जीविकोपार्जन का मुख्य आधार वन है. इनकी वन भूमि ही इनका पहचान का मूल आधार है. गरीब आदिवासी जंगल और जमीन पर अपने अधिकार के लिए सदियों से लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. केन्द्र सरकार द्वारा वनक्षेत्रों में रह रहे आदिवासी एवं अन्य गरीब लोगों को वन अधिकार अधिनियम के तहत वनपट्टा देने के लिए कानून बनाया. इसे भी पढ़ें : Ghatshila">https://lagatar.in/ghatshila-children-celebrated-janmashtami-in-kidzee-pre-school/">Ghatshila: किडजी प्री स्कूल में बच्चों ने मनाया जन्माष्टमी

Leave a Comment