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किरीबुरू : सारंडा के ग्रामीणों के आंदोलन को रोकने की कवायद तेज, हो सकती है त्रिपक्षीय वार्ता

Kiriburu (Shailesh Singh): सारंडा के ग्रामीणों व शिक्षित बेरोजगारों ने सेल की किरीबुरू एवं मेघाहातुबुरु खदान में 29 अगस्त से अनिश्चितकालिन आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की है. इसे रोकने के लिए सेल प्रबंधन और पुलिस-प्रशासन प्रयासरत है. इस आंदोलन से सेल प्रबंधन व रेलवे के साथ-साथ केन्द्र व राज्य सरकार को राजस्व को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. ऐसी स्थिति में उक्त सरकारें व संस्थान नहीं चाहेगी की यह आंदोलन सारंडा के ग्रामीण करे. इस आंदोलन को कैसे रोका जाए, इसको लेकर सेल की किरीबुरूमेघाहातुबुरु खदान के सीजीएम व अन्य पदाधिकारियों ने विशेष बैठक स्थानीय पुलिस व सीआईएसएफ अधिकारियों के साथ होने की बात सूत्रों से कही जा रही है. सेल प्रबंधन इस मामले को लेकर उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक समेत अन्य पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से मिलकर विचार-विमर्श कर सहयोग मांगने की तैयारी में है. संभावना जताई जा रही है कि उपायुक्त के निर्देश पर एसडीओ, एसडीपीओ के नेतृत्व में सेल प्रबंधन व सारंडा के आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिमंडल की विशेष बैठक आयोजित कर आंदोलन को खत्म करने पर सहमति बनाने की कोशिश होगी. इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-disturbance-in-ug-semester-one-examination-in-womens-college-august-24-exam-question-paper-distributed-on-23rd-only/">चाईबासा

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मिली जानकारी के अनुसार पुलिस-प्रशासन भी नहीं चाहती है कि सारंडा के किसी भी ग्रामीण के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर मामला दर्ज करें. क्योंकि सारंडा के ग्रामीण, मुंडा व मानकी के साथ पुलिस-प्रशासन के साथ बेहतर संबंध है. लेकिन आंदोलन होने पर कानूनी कार्यवाही करने की लिए उन्हें भी बाध्य होना पडे़गा. बता दें कि सारंडा के ग्रामीणों ने उक्त आर्थिक नाकेबंदी का फैसला सेल की झारखंड खान समूह के लिए आयोजित बहाली में शामिल सारंडा के शिक्षित बेरोजगारों की उपेक्षा के खिलाफ लिया है. पहली लिखित साक्षात्कार में सारंडा के दो दर्जन आईटीआई पास युवा भाग लिया था. इस साक्षात्कार के बाद जारी सूची में सारंडा के एक भी बेरोजगार का नाम शामिल नहीं था. इसी से सारंडा के ग्रामीण नाराज हैं. बीते 20 अगस्त को छोटानागरा बाजार मैदान में सारंडा के विभिन्न गांवों के मुंडाओं ने मानकी लागुड़ा देवगम की अध्यक्षता में बैठक कर उक्त आर्थिक नाकेबंदी का फैसला सर्वसम्मति से लिया था. आंदोलन को विभिन्न ट्रेड यूनियन ने भी अपना समर्थन देने की घोषणा की है. [wpse_comments_template]

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