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किरीबुरु : खदानें बंद रहने से बेरोजगारी बढ़ी, युवा कर रहे पलायन : पूर्व जिलाध्यक्ष

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alt="" width="215" height="300" /> Kiriburu : पश्चिम सिंहभूम स्थित तमाम खदानों के बंद रहने से बेरोजगारी की समस्या बढ़ गई है. सेल की गुवा, चिड़िया, किरीबुरु और मेघाहातुबुरु प्रबंधन के अलावे टाटा स्टील की टीएसएलपीएल खदान प्रबंधन भी सीएसआर योजना के तहत प्रभावित गांवों के ग्रामीणों को बेहतर चिकित्सा सुविधा व जीवन रक्षक दवा नहीं उपलब्ध करा रहा है. इससे सारंडा की गरीब जनता परेशान है. यह बातें भाजपा के पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष गोविन्द पाठक ने कही. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से झारखंड के कोने-कोने में बेरोजगारी ने पैर फैलाना शुरू कर दिया है. भारी संख्या में युवक बेरोजगार होकर पलायन को मजबूर हैं. बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए बंद पड़े खदानों को जल्द चालू करना चाहिए. ़ इसे भी पढ़ें : किरीबुरु">https://lagatar.in/kiriburu-jmm-blocked-the-gate-of-tslpl-mine-in-noamundi-and-baraiburu-from-6-am/">किरीबुरु

: झामुमो ने नोवामुंडी व बराईबुरु में टीएसएलपीएल खदान का गेट सुबह छह बजे से किया जाम
झारखंड की खदानें बंद रहने से राज्य व केन्द्र सरकार की रॉयल्टी प्रभावित हो रही है. राजस्व का नुकसान होना सरकार को आर्थिक समस्या की ओर अग्रसर करेगा. खदानें बंद होने से भारी वाहनों, होटल, टायर बनाने वाले आदि तमाम व्यवसाय से जुड़े लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं. इस आर्थिक समस्या से जूझ रहे सारंडा के ग्रामीणों को बेहतर चिकित्सा व दवा की सुविधा भी खदान प्रबंधन उपलब्ध नहीं कराया है. खदानें सिर्फ प्रदूषण व लाल पानी से बीमारी देने का कार्य कर रही हैं. पहले सेल अस्पताल में सारंडा के मरीजों को मुफ्त में दवा मिलती थी, जिसे बंद कर दिया गया है. सेल प्रबंधन वर्षों पूर्व से अस्पताल के चिकित्सकों को कुछ पैसा उपलब्ध करा ऐसी व्यवस्था कर रखी थी कि अगर अस्पताल में दवा उपलब्ध नहीं हो तो वह ग्रामीण मरीज को इस पैसे से दवा खरीद कर दें. उन्होंने केन्द्र व राज्य सरकार से तमाम बंद खादानों को खोलने तथा उक्त खदान प्रबंधनों से ग्रामीण मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराने की मांग की है. [wpse_comments_template]  

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