Saurav Singh
Ranchi : मंगलवार को खूंटी जिले के एसडीएम (आईएएस) सैय्यद रियाज अहमद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. इस मामले में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर पांच जुलाई को जेल भेज दिया है. झारखंड में ब्यूरोक्रेट्स पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी राज्य के कई ब्यूरोक्रेट्स इस मामले में फंस चुके है. और उनपर एफआईआर दर्ज करायी गयी है. जानें कौन-कौन हैं वो ब्यूरोक्रेट्स. पढ़ें – बोकारो : 10वीं-12 वीं की परीक्षा में अव्वल रहे 45 छात्र-छात्राओं को किया गया सम्मानित
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डीडीसी देवेंद्र भूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीडन करने का मामला दर्ज
खूंटी के तत्कालीन डीडीसी देवेंद्र भूषण सिंह पर मानव तस्करी से मुक्त पीडि़ता के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था. जिसके बाद खूंटी थाना में मामला दर्ज हुआ था. यह घटना 13 जुलाई 2015 की है. पीडि़ता ने आरोप लगाया था कि कौशल विकास की ट्रेनिंग के नाम पर डीडीसी ने उसे अपने चेंबर में बुलाया और छेड़छाड़ की, विरोध करने पर उसे धमकी भी दी गई थी. बाद में उसने सीडब्ल्यूसी में जाकर डीडीसी के विरुद्ध कंप्लेन दर्ज कराया.
सीडब्ल्यूसी को दिये गये बयान में नाबालिग ने कहा था कि उसे पत्रांक 828, दिनांक आठ जुलाई 2015 को मानव तस्करी से मुक्त कराई गई बालिकाओं के प्रशिक्षण के संबंध में पत्र मिला था. पत्र मिलने के बाद आंगनबाड़ी सेविका एलिस बारला के माध्यम से 11 जुलाई 2015 को फोन के माध्यम से सूचना दी गई. उसे विकास आयुक्त कार्यालय में पहुंचने की बात कही गई. कार्यालय पहुंचने के बाद उसकी मां को कार्यालय से बाहर निकाल दिया गया. कार्यालय में एक बच्ची और थी, जिसे बाहर भेज दिया गया, जबकि उसे वहीं रोक लिया गया. उसके कुछ देर बाद ही बच्ची रोते हुए निकली. पूछने पर बताया कि डीडीसी ने उसके साथ दुर्व्यवहार करते हुए छेड़खानी का प्रयास किया था.
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पी एस नटराजन पर आदिवासी महिला ने लगाया आरोप
झारखंड कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी पी एस नटराजन पर एक आदिवासी महिला ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. यह घटना साल 2005 की है. इस मामले की काफी चर्चा हुई थी. आईजी नटराजन पर एससी-एसटी एक्ट के तहत 2005 में मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद आईपीएस पीएस नटराजन को झारखंड सरकार ने लंबे समय तक निलंबित रखा. राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर पहले मामले की जांच करवायी और फिर प्रथम दृष्ट्या उनके दोषी पाये जाने पर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया था. इस मामले में 12 साल बाद हुई सुनवाई में साल 2017 में नटराजन को आरोपों से बरी कर दिया गया था.
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यौन उत्पीड़न के मामले में आईएएस गए जेल
IIT की छात्रा से सेक्सुअल हैरेसमेंट मामले में खूंटी एसडीएम (आईएएस) सैय्यद रियाज अहमद को खूंटी पुलिस ने बीते पांच जुलाई को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. सैय्यद रियाज अहमद पर आरोप है कि बीते एक जुलाई की रात को एसडीएम ने आईआईटी के छात्र-छात्राओं को अपने आवास में पार्टी के लिए बुलाया था. जहां सभी का खाना पीना हुआ, जिसमें ड्रिंक्स का सेवन भी किया गया. उसके बाद पीड़िता और एसडीओ कुछ देर के लिए अलग हो गए. दो जुलाई की सुबह लगभग छह बजे एसडीओ ने पीड़िता को किस किया और आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे. इसी दौरान छात्रा वहां से भाग गई और अपने साथियों के साथ एसडीओ आवास से बाहर निकल गई. चार जुलाई की देर रात खूंटी महिला थाना में पीड़िता की शिकायत पर 14/22 कांड संख्या दर्ज की गई है 354(A) और 509 आईपीसी के अलावा अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.
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