आंगनबाड़ी / स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर क्या-क्या करना है
- अपंजीकृत बच्चों की पहचान और बच्चों की लंबित सूची अभियान शुरू होने के 15 दिनों में तैयार करना एवं इन बच्चों को चिन्हित करने के लिए विभिन्न चैनल बनाना.
- ICDS चैनलः आंगनबाड़ी केंद्र (AWC) क्षेत्र के 0 से 5 वर्ष आयु तक के बच्चों में अपंजीकृत बच्चों का सर्वेक्षण कर उनकी सूची तैयार करना (आंगनबाडी सेविका (घोषित सूचक) अपंजीकृत बच्चे जिनका जन्म घर में हुआ हो या आंगनबाड़ी क्षेत्र के अंदर किसी निजी संस्थान में जन्म हुआ है तो उसकी जन्म रिपोर्ट फॉर्म -1 भरकर आवश्यक कार्रवाई करेगी.)
- प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर जन्म एवं नृत्य निबंधन की प्रक्रियाओं का Video Clip प्रदर्शित की जायेगी. Video Clip की Soft Copy सभी CDPO/BDO एवं आंगनबाड़ी सेविका को उपलब्ध करायी जायेगी. CDPO द्वारा Video Clip प्रदर्शित कराना सुनिश्चित की जायेगी.
- प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों में विशेष अभियान के दौरान होने वाले निबंधन का पर्यवेक्षण महिला पर्यवेक्षिका द्वारा किया जायेगा एवं इससे संबंधित प्रतिवेदन जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को उपलब्ध करायेंगे.
- ANM चैनल स्वास्थ्य उपकेन्द्रों/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र / अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र / सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र / रेफरल अस्पताल / अनुमंडलीय अस्पताल / सदर अस्पताल में पदस्थापित ANM द्वारा बीते पांच सालों में उपयुक्त संस्थागत केन्द्रों में जन्म लिए हुए बच्चों का सर्वेक्षण कर अपंजीकृत बच्चों की सूची तैयार करना.
- बच्चे का जन्म जहां हुआ है, उस संस्थान के द्वारा ही उस बच्चे का निबंधन किया जाएगा. इसलिए ANM सूची तैयार कर जन्म रिपोर्ट फॉर्म-1 भरकर अपने संस्थान के निबंधक से निबंधन की प्रक्रिया को पूर्ण करायेगी. सहिया जन्म रिपोर्ट फॉर्म-1 के अनुसार जन्म पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने में सहयोग करेंगी.
21 दिनों से लेकर 1 वर्ष से अंदर तक के विलंब वाले मामले
- आंगनबाड़ी कायकर्ता, एएनएम और स्कूल के प्रधानाध्याक जन्म रिपोर्ट फॉर्म-1 भरकर तथा संबंधित लाभुक के अभिभावक से स्व घोषित शपथ पत्र एवं आधार कार्ड की छायाप्रति (आधार कार्ड नहीं होने पर वोटर कार्ड / ड्राईविंग लाईसेंस की छायाप्रति) प्राप्त करेंगे साथ ही साथ प्रमाणपत्र बनाने के लिए आवश्यक जांच प्रतिवेदन भी दर्ज करेंगे.
- इसके बाद प्राप्त आवेदनों को सूचीबद्ध कर ग्रामीण क्षेत्र में बीडीओ और शहरी क्षेत्र में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सत्यापन के आधार पर विलंब से प्राप्त आवेदनों को जन्म निबंधन के लिए अप्रुव करेंगे.
- अप्रुवल मिलने के बाद रजिस्ट्रार प्राप्त आवेदनों के 30 दिनों के अंदर ऑनलाइन कर पंजीकृत कर प्रमाणपत्र निर्गत कर संबंधित सूचक को उपलब्ध करायगे. प्राप्त सभी प्रमाणपत्रों को सूचक संबंधित लाभुकों को उपलब्ध करायेंगे.
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