Ranchi : गरीबों को पक्का घर देने की राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना “अबुआ आवास” धनराशि के अभाव में ठप पड़ गई है. इस योजना के तहत वर्ष 2023-24 में तीन कमरों वाले लगभग दो लाख आवासों के निर्माण की स्वीकृति दी गई थी. जबकि 2024-25 में 4.50 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं. प्रत्येक लाभुक को आवास निर्माण के लिए दो लाख रुपये प्रति यूनिट की राशि दी जानी है.
वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वीकृत आवासों में से केवल 56.79 प्रतिशत आवासों का निर्माण पूरा हुआ है. पश्चिम सिंहभूम जिले में स्वीकृत 10,252 आवासों में से मात्र 29.80 प्रतिशत पूर्ण हुए, गढ़वा में 46.6 प्रतिशत, गोड्डा में 47.25 प्रतिशत, पलामू में 48 प्रतिशत और दुमका में 53.7 प्रतिशत आवासों का निर्माण पूरा हुआ है.
वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत 4.5 लाख अबुआ आवासों में से अब तक केवल 38,551 आवासों का निर्माण पूरा हुआ है. सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में पलामू, रांची, दुमका, सरायकेला-खरसावां, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, खूंटी, जामताड़ा, गढ़वा, लोहरदगा और गिरिडीह शामिल हैं.
धन की कमी से ठप पड़ा निर्माण कार्य
ग्रामीण विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अबुआ आवास योजना के तहत लाभुकों को किश्तों में राशि देने का प्रावधान है. लेकिन जिलों को पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं होने के कारण आवास निर्माण का कार्य बाधित हो गया है.
कई जिलों ने राशि की कमी का हवाला देते हुए सरकार से शीघ्र भुगतान जारी करने की मांग की है. विभाग ने इस योजना के लिए 800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, लेकिन यह राशि अभी तक कोषागार से पूरी तरह जारी नहीं की जा सकी है. इसी कारण बड़ी संख्या में लाभुकों के आवास अधूरे रह गए हैं और योजना की गति थम गई है.
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