Leh : लद्दाख हिंसा से जुड़ी बड़ी खबर आयी है. आज शुक्रवार को सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किये जाने की सूचना है.गिरफ्तारी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत की गयी है. आरोप है कि वांगचुक ने केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को उकसाया.
STORY | Police arrest climate activist Sonam Wangchuk in Leh
— Press Trust of India (@PTI_News) September 26, 2025
Climate activist Sonam Wangchuk was arrested Friday by a police party in Leh, two days after violent protests by supporters of the movement for statehood and extension of the Sixth Schedule of the Constitution left… pic.twitter.com/ucZpgyhTZM
VIDEO | Srinagar: J&K Chief Minister Omar Abdullah (@OmarAbdullah) on climate activist Sonam Wangchuk’s arrest by Ladakh Police says, “...What compels the central government to go back on its promises after making them? Before the Hill Council elections, a Union minister went… pic.twitter.com/kVUg3YDom0
— Press Trust of India (@PTI_News) September 26, 2025
जानकारी के अनुसार डीजीपी एसडी सिंह जामवाल के नेतृत्व में लद्दाख पुलिस ने सोनम वांगचुक को गिरफ़्तार किया है. लेह में मोबाइल इंटरनेट बंद करने के साथ ब्रॉडबैंड की स्पीड घटा दी गयी है.
मामला यह है कि दो दिन पूर्व 24 सितंबर, बुधवार को लेह में हुई हिंसा में 4 लोगों की मौत हुई थी, 70 से अधिक लोग घायल हुए थे. हिंसक झड़प के बाद लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया. 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिये गये हैं.
लेह जिला मजिस्ट्रेट ने सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों और आंगनवाड़ी केंद्रों को दो दिन तक बंद करने का आदेश जारी किया है. हिंसा को लेकर उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की. उन्होंने हिंसा की घटनाओं को षड्यंत्र का नतीजा करार दिया.साथ ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के निर्देश दिये.
गृह मंत्रालय के अनुसार सोनम वांगचुक ने अरब स्प्रिंग और नेपाल के Gen-Z आंदोलनों का हवाला देकर युवाओं को उकसाया.. गृह मंत्रालय ने कहा कि 24 सितंबर को सुबह 11:30 बजे वांगचुक के भाषण सुनने के बाद भीड़ भाजपा ऑफिस और लेह के सीईसी कार्यालय पहुंची और आगजनी की.
जान लें कि सोनम वांगचुक 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर बैठे थे. वे लद्दाख को अधिक स्वायत्तता, राज्य का दर्जा सहित छठी अनुसूची का दर्जा दिये जाने की मांग पर अनशन पर बैठे थे. हिंसा होने के बाद वांगचुक ने अनशन तोड़ दिया था.
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