Hazaribagh: हजारीबाग लेमन ग्रास मामले में किसानों में राहत की उम्मीद जगी है. जेएसएलपीएस की ज़िला कार्यक्रम प्रबंधक शांति मार्डी ने कहा है कि खबरों के बाद मुझे ज्ञात हुआ है और जो समस्या किसानों की है उसे दूर करने के लिए जेएसएलपीएस पूरी कोशिश करेगा.मालूम हो कि दारू प्रखंड के हरली गांव के किसानों के दर्द को लगातार मीडिया ने जोर-शोर से उठाया था.कॉन्ट्रैक्ट खेती से होने वाले नुकसान का पूरा विवरण इस खबर में दिया गया था.साथ ही शांति मार्डी ने कहा है कि मार्च तक जो भी नयी फसल इनकी आएगी उसे सखी मंडल द्वारा खरीद लिया जाएगा. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि यह परेशानी इसलिए उत्पन्न हुई क्योंकि ऐन मौके पर मशीन खराब हो गयी और मशीन के खराब होने से किसी से लेमनग्रास नहीं लिया सका. क्योंकि उस से तेल निकालने का काम नहीं हो सकता था. अब मशीनों को ठीक करने के लिए इंजीनियर बुलाए गए हैं. संभव है दो-तीन दिनों में मशीने ठीक हो जाएंगी . फिर से किसानों से लेमनग्रास लिए जा सकेंगे. इसे भी पढ़ें-
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लगभग 50 एकड़ में लेमन ग्रास की खेती

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alt="" width="600" height="400" /> मालूम हो कि हमने इस खबर में दिखाया था कैसे कॉन्ट्रैक्ट खेती किसानों को कभी-कभी नुकसान दे सकती है. हजारीबाग के दारू प्रखंड के हरली के लगभग 350 किसानों ने झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी की देखरेख में एक एनजीओ के माध्यम से लगभग 50 एकड़ में लेमन ग्रास की खेती शुरू की थी. 1 साल पहले यह खेती शुरू की गयी और जब इसकी फसल खड़ी हो गयी तो एनजीओ और जेएसएलपीएस इनकी फसल को लेने में आनाकानी करने लगा. पूरी की पूरी फसल बर्बाद होने के कगार पर है जहां पहले किसानों को 8 से 11 रुपये प्रति किलो तक लेमन ग्रास खरीदने की बात कही गयी थी. लेकिन अब लेने को तैयार नही हैं.एनजीओ के इनकार के बाद अब किसान इतने मायूस हो गए हैं कि 3 रुपये की दर पर भी देने को तैयार है. लेकिन कोई खरीदने के लिए तैयार नहीं है.इस पूरे खबर को लगातार डॉट इन ने प्रमुखता से दिखाया था जिसमे अब असर हुआ है और अब इन किसानों की मदद की बात कही जा रही है. [wpse_comments_template]
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