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झारखंड जमीन सर्वे : सरकार ने HC को बताया, तीन राज्यों से सीखी जा रही तकनीक

Ranchi :  झारखंड में जमीन का सर्वे पूरा करने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. एक्टिंग  चीफ जस्टिस की बेंच में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट को जानकारी दी कि लैंड सर्वे के काम के लिए पड़ोसी राज्य बिहार, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से तकनीकी जानकारियां हासिल की जा रही है.

 

धनबाद छोड़ बाकी जिलों में बाकी है सर्वे

इस संबंध में गोकुल चंद की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गयी है. दायर याचिका में कहा गया है कि सबसे पहले 1932 में जमीन का सर्वे हुआ था. इसके बाद झारखंड में 1980 में जमीन के सर्वे की प्रक्रिया शुरू हुई थी. फिलहाल धनबाद जिले को छोड़कर राज्य के बाकी जिलों में जमीन का सर्वे होना बाकी है.

 

रिकॉर्ड से मिल सकेगा स्वामित्व का अधिकार

याचिकाकर्ता के अनुसार, यदि जमीन का सर्वे पूरा होता है, तो इससे भूमि का सटीक रिकॉर्ड तैयार हो सकेगा. इससे न केवल सरकारी और वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री पर अंकुश लगेगा, बल्कि भूमि स्वामित्व को लेकर चल रहे विवादों में भी कमी आएगी. अदालत अब इस मामले में 16 सितंबर को सुनवाई करेगा.

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