Latehar : 20 अप्रैल को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है. ऐसे में लातेहार जिले के विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केद्रों में एक से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमिनाशक दवा पिलायी जायेगी. इसके लिए जिले में 1240 विद्यालय और 962 आंगनबाड़ियों को केंद्र बनाया गया है. जो बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं, वे पास के आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर कृमिनाशक दवा खा सकते हैं. अभियान को सफल बनाने के लिए जिला स्तर पर मोनिटरिंग कमिटी का गठन किया गया है. जिला स्तर पर नोडल अधिकारी एनडीडी डॉ नीलमणि कुमार को बनाया गया है. लातेहार सिविल सर्जन डॉ दिनेश कुमार ने इसकी जानकारी दी. (पढ़ें, 2015 में रद्द आवास बोर्ड के 209 प्लॉट का आवंटन पुनर्बहाल, लाभुकों को फ्लैट पर कब्जा मिलना शुरू)
4,12,151 किशोर-किशोरियों को दवा खिलाने का लक्ष्य
सिविल सर्जन डॉ दिनेश कुमार ने बताया कि कृमिनाशक दवाइयां पूरी तरह सुरक्षित है. इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है. हालांकि इस दवा को खाली पेट नहीं खाना चाहिए. उन्होंने आगे बताया कि जिले में 4,12,151 किशोर-किशोरियों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए विद्यालय व आंगनबाड़ी कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है. दवाइयां भी केंद्रों तक पहुंच चुकी है. छूटे हुए किशोर व किशोरियों को पुन 25 अप्रैल को कृमिनाशक दवाइयां खिलायी जायेगी. कृमि मुक्ति अभियान के दौरान कोविड प्रॉटोकोल का पूरा ख्याल रखा जायेगा. सीएस ने जिला वासियों को कृमिनाशक दवाइयों का सेवन करने की अपील की है. कहा कि शरीर कृमि की अधिकता होने पर एनिमिया व अन्य रोग हो सकते हैं.
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