Latehar : औरंगा नदी पुल का अस्तित्व खतरे में आ गया है. शहर के रेलवे स्टेशन रोड स्थित चटनाही मुहल्ला से जवाहर नवोदय विद्यालय और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय समेत दर्जनों राजस्व गांव को जोड़ने वाली यह पुल आज कमजोर होती जा रही है. पुल के आसपास से अवैध बालू का उठाव किये जाने से पुल के पिलर का कैप सतह से ऊपर आ गया है. पुल के पिलर कैप को बालू या जमीन के नीचे होना चाहिए, तभी पुल की मजबूती बनी रहती है. लेकिन, औरंगा नदी के आसपास नियमित बालू का उठाव होने के कारण पुल के पिलर के कैप बालू से काफी ऊपर आ गया है. इस कारण पुल के ध्वस्त होने की आशंका बढ़ गयी है.
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अवैध ढंग से बालू का उठाव जारी
हर दिन सुबह 4-5 बजे ही औरंगा नदी पुल के आसपास से बालू का उठाव ट्रैक्टर मालिकों द्वारा किया जाता है. प्रमाण के तौर पर पुल के ऊपर चारों ओर पसरा बालू आसानी से देखा जा सकता है. बताया जाता है कि किसी भी पुल के 50 मीटर की परिधि में बालू का उठाव नहीं करना है. ऐसा करते पाये जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाती है. बावजूद इसके औरंगा नदी पुल के पास से अवैध ढंग से बालू का उठाव हर दिन किया जा रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि खनन विभाग द्वारा अवैध बालू उठाव रोकने के लिए छापामारी की जाती है. उन्होंने बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालय रोड में पुल एवं इसके आसपास के क्षेत्रों से बालु का अवैध उठाव किये जाने का प्रमाण मिलने पर औरंगा नदी के दो कच्ची सड़कों पर ट्रेंच की खुदायी की गयी है ताकि ट्रैक्टर व अन्य वाहन नदी में बालु उठाव करने नहीं जा सके.
धंस चुके हैं पूर्व में पुल के स्तंभ
वर्ष 2014-15 में औरंगा नदी पुल का दो स्तंभ नीचे की ओर धंस गया था. स्तंभ के धंसने से पुल के स्लैब भी धंस गये थे. इसके बाद यहां तकरीबन दो महीने तक वाहनों का आवागमन बंद था. बाद में इंजीनियर्स की टीम ने आधुनिक उपकरणों से इसे दुरूस्त किया था. वर्ष 2002-03 में इस बहुप्रतिक्षित औरंगा नदी पुल का निर्माण कराया गया था.
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