Latehar : जिला मुख्यालय समेत अन्य सभी प्रखंडों में सोमवार को हरितालिका तीज का पर्व पारंपरिक रूप से मनाया गया. महिलाओं ने तीज पर्व पर निर्जला उपवास कर अपने पति के लंबी उम्र की कामना की. शहर के विभिन्न मंदिर व सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना की और भगवान शिव और माता पार्वती के कथा का श्रवण किया. थाना चौक में मनोकामना सिद्धि हनुमान मंदिर परिसर में पुजारी त्रिभुवन पांडेय के सानिध्य में पूजा-अर्चना की गयी. श्री पांडेय ने कहा कि यह त्यौहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है. हरितालिका तीज के दिन विवाहित महिलाएं सुखी वैवाहिक जीवन पाने के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. मान्यता है कि इस दिन देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए विशेष व्रत रखा था. श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर परिसर में पुरोहित राजेश पाठक के सानिध्य में पूजा-अर्चना की गयी. यहां भी काफी संख्या में महिलाओं ने पूजा-अर्चना कर अपने पति की लंबी उम्र एवं परिवार के सुख शांति की कामना की. इसके अलावा लघु सिंचाई विभाग के सोमेश्वर शिव मंदिर, मेन रोड के राधाकृष्ण मंदिर व प्राचीन देवी मंडप व डुरूआ के सोमेश्वर शिव मंदिर में काफी संख्या में महिलाओं ने पूजा-अर्चना की. इस पर्व के मौके पर महिलाओं ने परंपरागत पेड़ुकिया का प्रसाद भगवान शिव एवं मां पार्वती को अर्पित किये.
महंगाई की मार दिखी
महंगाई का असर तीज के त्यौहार पर दिखा. पेडुकिया, फल एवं पूजन सामग्रियों के दाम आसमान छू रहे थे. केला 60 रुपये दर्जन, सेब 100 से 140 रुपये प्रति किलो व खीरा दस रुपये प्रति पीस बिक रहे थे. बाजार में पेड़ुकिया 150 रुपये से 400 रुपये बिक रहे थे. जबकि खोया 400 से 450 रुपये प्रति किलो बिके. कई महिलाओं ने बताया कि महगांई के कारण अब वे अपने घर में पहले की संख्या में पेडुकिया नहीं बनाती हैं. अब तो त्यौहारों में सिर्फ रस्म अदायगी ही होती है.
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सर…क्या करूं, और पैसा कहां से लाऊं, किडनी बेच कर दे दूंगा पैसे, मेरी PHD फाइल ना रोकें [wpse_comments_template]
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