Ranchi: झारखंड के बोकारो जिले में डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) फंड में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का मामला सामने आया है. आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव एवं पूर्व विधायक डॉ लम्बोदर महतो ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इस घोटाले का खुलासा करते हुए सीबीआई जांच की मांग की.
डॉ महतो ने बताया कि झारखंड को जुलाई 2025 तक कुल 16,474 करोड़ रुपये डीएमएफटी फंड के रूप में मिले हैं, जो राज्य के खनन प्रभावित जिलों के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा आवंटित किया गया. लेकिन इस फंड का व्यापक दुरुपयोग हुआ है और जिले-दर-जिले लूट की छूट दी गई है.
बोकारो में 631 करोड़ की अनियमितताएं
डॉ महतो ने बताया कि केवल बोकारो जिले में ही 631 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय गड़बड़ियां हुई हैं. उन्होंने कहा कि डीएमएफटी के नियमों के तहत केवल शासी निकाय से पारित योजनाओं को ही लागू किया जा सकता है और हर योजना की निविदा प्रक्रिया होनी चाहिए. लेकिन यहां हजारों योजनाएं बिना अनुमोदन के जोड़ दी गईं और कई कार्य बिना टेंडर के ही मनोनीत एजेंसियों को दे दिए गए.
उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे करते हुए बताया कि एक स्कूल की वाल पेंटिंग पर 4.79 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए, वह भी बाजार दर से 220% अधिक पर.
छह एजेंसियों को कोचिंग प्रोजेक्ट के नाम पर 60 करोड़ रुपये दिए गए, जबकि ऐसी योजनाएं पहले से ही केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं.
डिजिटल मैप जिसकी कीमत 40 हजार रुपये थी, उसे 1.25 लाख में खरीदा गया और 10 करोड़ की गड़बड़ी की गई.
260 स्कूलों में टैब वितरण योजना अधूरी रहने के बावजूद 24.72 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, बाजार दर से तीन गुना ज़्यादा.
हाईमास्ट लाइट की वास्तविक लागत 9.35 करोड़ थी, लेकिन 18.75 करोड़ का भुगतान किया गया.
सीटी स्कैन मशीनें खरीदी ही नहीं गईं, फिर भी 133 करोड़ रुपये का भुगतान दर्शाया गया.
अधिकारियों पर गंभीर आरोप डॉ महतो ने आरोप लगाया कि कई एजेंसियों से जुड़े अधिकारी भी इस गड़बड़ी में शामिल हैं. उन्होंने बोकारो की परिवहन पदाधिकारी वंदना का नाम लेते हुए कहा कि उनके परिवार की कंपनियों को करोड़ों रुपये का लाभ मिला. एक मामले में 91 लाख रुपये नगद बरामद हुए जिसमें डीएमएफटी से जुड़े सप्लायर भी शामिल थे.
सीबीआई जांच और विशेष ऑडिट की मांग
आजसू पार्टी ने राज्य सरकार से मांग की है कि बोकारो जिले में हुए इस घोटाले की सीबीआई से जांच कराई जाए और पूरे राज्य में डीएमएफटी फंड की विशेष ऑडिट करवाई जाए. डॉ महतो ने कहा कि राज्य के महालेखाकार ने भी इस फंड में व्यापक अनियमितताओं की पुष्टि की है.
विधायकों की कोई भूमिका नहीं
पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल पर डॉ महतो ने स्पष्ट किया कि विधायकों की भूमिका केवल शासी निकाय की बैठक में योजनाओं को पारित करने तक सीमित होती है. वास्तविक कार्यान्वयन, निविदा प्रक्रिया और स्वीकृति पूरी तरह से प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है.
सूर्या हांसदा एनकाउंटर और अन्य मुद्दों पर भी बोले महतो
सूर्या हांसदा इनकाउंटर पर डॉ. महतो ने कहा कि यह एक फर्जी मुठभेड़ प्रतीत होता है, और आजसू पार्टी न्याय मिलने तक उसके परिवार के साथ खड़ी रहेगी.
मतदाता सूची सुधार पर उन्होंने कहा कि पारदर्शी चुनाव के लिए संशोधन आवश्यक है और इसमें सत्तापक्ष व विपक्ष दोनों को सहयोग करना चाहिए.
कुड़मी समाज के आंदोलन का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि हर जाति को अपने अधिकारों के लिए संवैधानिक लड़ाई का हक है. उन्होंने 1950 की अधिसूचना में कुड़मी समाज को आदिवासी सूची से हटाए जाने को ऐतिहासिक अन्याय बताया.
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