New Delhi : राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इन दिनों लगातार चुनाव आयोग पर हमला कर रहे हैं. वे इसे भाजपा की B टीम करार दे रहे है. कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिल कर वोट चोरी कर रहा है.

बिहार में करारी हार के बाद कांग्रेस दिसंबर में चुनाव आयोग के खिलाफ रैली करने जा रही है. राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बार चुनाव आयोग को वोट चोर करार दे चुके हैं
इसी बीच एक अहम खबर आयी है. देशभर के 272 ब्यूरोक्रेट्स सहित रिटायर्ड जजों ने एक खुला पत्र जारी कर लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की इस बात के लिए आलोचना की है कि वह चुनाव आयोग की छवि खराब करने में लगी हुई है.
पत्र जारी करनेवालों में16 पूर्व जज, 14 पूर्व राजदूत सहित 123 सेवानिवृत्त ब्यूरोक्रेट और 133 रिटायर्ड सैन्य अधिकारी शामिल हैं.इन रिटायर्ड जजों और ब्यूरोक्रेट्स का कहना है कि कांग्रेस लगातार चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने में लगी हुई है.
पत्र में कहा गया है कि कुछ राजनीतिक नेता बिना सबूत के गंभीर आरोप लगाते रहते हैं. पहले उन्होंने भारतीय सेना की बहादुरी पर सवाल उठाये, फिर न्यायपालिका, संसद और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को निशाना बनाया और अब चुनाव आयोग पर हमला किया जा रहा है.
पत्र के अनुसार लोकसभा में विपक्ष के नेता बार-बार चुनाव आयोग पर हमला करते हुए दावा कर रहे हैं कि उनके पास इस बात के सबूत है कि चुनाव आयोग वोट चोरी करा रहा है. उनकी बात शत प्रतिशत प्रमाणित है. राहुल गांधी यहां तक कह रहे हैं कि मुख्य चुनाव आयुक्त या चुनाव आयुक्त रिटायर भी हो जायेंगे, तो भी वह उन्हें भी छोड़ेंगे नहीं,
पत्र में कहा गया है कि इतने गंभीर आरोप लगाने के बावजूद उन्होंने(राहुल गांधी) अब तक कोई औपचारिक शिकायत या शपथपत्र दर्ज नहीं कराया है. जिससे उन्हें अपनी बात के लिए जवाबदेह न होना पड़े.
पत्र में राजनीतिक दलों से कहा गया है कि राजनीतिक मतभेद लोकतंत्र का हिस्सा है, वह अपनी जगह है, लेकिन संवैधानिक संस्थाओं पर बार-बार आरोप लगाना देशहित में नहीं है.
रिटायर्ड जजों और ब्यूरोक्रेट्स ने राजनीतिक दलों और नेताओं से आग्रह किया है वे संस्थाओं की गरिमा बनाये रखें देश का चुनावी प्रक्रिया को विवादों में न घसीटें.
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