New Delhi : भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट की अडानी समूह में निवेश(सरकारी दबाव में)संबंधी खबर को झूठा करार दिया है. LIC ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें दावा किया गया है कि मई 2025 में भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रस्ताव तैयार कर एलआईसी से लगभग 3.9 अरब डॉलर (करीब 34,000 करोड़ रुपए) अडानी समूह की कंपनियों में निवेश कराने की योजना बनाई गयी थी.
LIC denies false reports by The Washington Post, reaffirming all investments are made with integrity and due diligence.#LIC #HarPalAapkeSaath #washingtonpost pic.twitter.com/RQ0N2AvBA1
— LIC India Forever (@LICIndiaForever) October 25, 2025
एलआईसी ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को भ्रामक करार देते हुए देश की वित्तीय क्षेत्र की प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाला बताया. एलआईसी ने कहा कि कंपनी कहीं भी निवेश करने का निर्णय स्वतंत्र और पेशेवर नीतियों के तहत लेती है. एलआईसी ने कहा, रिपोर्ट निराधार और सच्चाई से कोसों दूर हैं. कंपनी ने स्पष्ट कहा, वित्तीय सेवा विभाग (DFS) या किसी अन्य सरकारी निकाय की, उसके(कंपनी) निवेश निर्णयों में कोई भूमिका नहीं होती.
अडानी समूह ने भी वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को सिरे से खारिज किया है. कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि वह इस तरह की किसी भी कथित सरकारी योजना में शामिल नहीं है. अडानी समूह ने कहा कि एलआईसी कई कंपनियों के ग्रुप में निवेश करती है, इसलिए अडानी को खास तरजीह देने की बात कहना सरासर गलत है. अडानी समूह ने कहा कि एलआईसी ने अडानी के पोर्टफोलियो से अच्छा मुनाफा भी कमाया है.
मार्केट रेगुलेटर SEBI अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाये गये शेयर में हेरफेर किये जाने से आरोपों से अडानी ग्रुप को बरी कर चुका है. SEBI ने स्पष्ट कहा कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के बीच फंड ट्रांसफर से किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं होता. दरअसल SEBI की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश बाद शुरू की गयी थी.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि दस्तावेजों से पता चलता है कि भारतीय अधिकारियों ने मई 2025 में LIC का लगभग 33,000 करोड़ रुपये का फंड अडानी समूह की कंपनियों में निवेश करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया था,
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