Ranchi : झारखंड सरकार ने तीन फरवरी की कैबिनेट की बैठक में उत्पाद विभाग को लेकर एक प्रस्ताव पास किया. प्रस्ताव में कहा गया कि झारखंड में अब शराब पर लगने वाला कोरोना सेस सरकार नहीं वसूलेगी.
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कोरोना काल में 10 फीसदी कोरोना सेस तय किया गया था
कोरोना काल के दौरान उत्पादन विभाग की तरफ से 10 फीसदी कोरोना सेस तय किया गया था. जिससे कैबिनेट की बैठक में हटा दिया गया. बैठक की जानकारी देते हुए कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा था कि कोरोना सेस हटा लिया गया है, लेकिन एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी गई है.
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हर बोतल पर करीब 10 से 15 रुपए की कमी
उन्होंने मीडिया के समक्ष कहा कि एक्साइज ड्यूटी बढने के बावजूद कोरोना सेस हटाए जाने की वजह से शराबों की कीमत में गिरावट दिखेगी. उत्पाद विभाग के वरीय पदाधिकारियों का कहना है कि कोरोना सेस हटने से हर बोतल पर करीब 10 से 15 रुपए की कमी आई है.
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कोरोना काल में तय दाम पर ही शराब बेच रहे हैं
लेकिन सच्चाई यह है कि शराब माफिया पूरे राज्य में कोरोना काल में तय दाम पर ही शराब बेच रहे हैं. इससे शराब माफिया ग्राहकों से रोजाना करोडों की अवैध वसूली कर रहे हैं. ग्राहकों को धोखा देने के लिए शराब करोबारी शराब दुकान में कोरोना काल के दौरान तय हुआ रेट लिस्ट लगा कर रखा है.
पूछे जाने पर शराब दुकान में काम करने वाले कर्मी कहते है कि हमलोगों को यही लिस्ट लगाने को कहा गया है. नया लिस्ट अभी नहीं मिला है.
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होली के दौरान करोडों रुपए की अवैध वसूली
होली के सप्ताह में शराब की बिक्री पांच गुना तक बढ जाती है. शराब दुकान वाले होली के दौरान अपने द्वारा तय रेट पर शराब बेच रहे है. उत्पाद विभाग द्वारा जारी रेट चार्ज दुकान पर नहीं होने की वजह से ग्राहकों को हर बोतल पर ज्यादा पैसा देना पड रहा है. एक प्रकार से शराब दुकानदार ग्राहकों से अवैध वसूली कर रहे है.
50 से 70 करोड की अवैध वसूली करेंगे
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि होली के दौरान शराब माफिया अपने रेट पर शराब बेचकर 50 से 70 करोड की अवैध वसूली करेंगे. उत्पाद विभाग के अधिकारियों को भी इसकी जानकारी है, लेकिन कार्रवाई नहीं होने से कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है.
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रांची से ज्यादा शराब की खपत लोहरदगा में
झारखंड में शराब की सबसे ज्यादा खपत राजधानी रांची में है, जबकि सबसे कम खपत वाला जिला लोहरदगा है. रांची में शराब की 187 दुकानें हैं. इनमें से देशी शराब की 66, विदेशी की 87 और कंपोजिट शराब की 34 दुकानें हैं. वहीं लोहरदगा में शराब की कुल 14 दुकानें हैं. इनमें से देशी शराब की 6, विदेशी की 6 और कंपोजिट शराब की 2 दुकानें हैं.
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राज्य में 1499 शराब दुकान है
राज्य में शराब के मामले में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला जिला रांची और सबसे कम राजस्व देने वाला जिला लोहरदगा है. राज्य में 1499 शराब दुकान है. इनमें से देशी की 490, विदेशी की 604 और कंपोजिट शराब की 405 दुकानें शामिल हैं.