Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को एमएसीपी से जुड़े मामले को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय के मुताबिक सोमवार को प्रार्थी नरेंद्र कुमार की याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन पाठक की कोर्ट ने सरकार द्वारा बार- बार समय लिए जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. साथ ही राज्य सरकार और महाधिवक्ता को यह निर्देश दिया कि 22 अप्रैल तक इस मामले को राज्य सरकार सुलझा ले, अन्यथा उस दिन न्यायालय इस मामले में अपना आदेश पारित कर देगा.
करीब 50 हजार सिपाहियों से जुड़ा है मामला
सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मोहन दुबे ने राज्य सरकार का अदालत पक्ष रखा. चूंकि राज्य का बजट सत्र चल रहा है. इसलिए राज्य सरकार द्वारा इस मामले में फैसला नहीं लिया जा सका और अप्रैल के दूसरे हफ्ते तक राज्य सरकार इस मामले को सुलझा लेगी. यह मामला झारखंड पुलिस के लगभग 50,000 से ज्यादा सिपाहियों से जुड़ा हुआ है.
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वर्ष 2017 में पुलिस मेंस एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष नरेंद्र कुमार के द्वारा वित्तीय उन्नयन की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था. याचिका में कहा गया था कि प्रत्येक 10 वर्ष पर सिपाहियों को वित्तीय उन्नयन मिलना चाहिए, लेकिन राज्य सरकार प्रशिक्षण का बहाना बनाकर उन्हें एमएसीपी यानी वितीय उन्नयन का लाभ नहीं दे रही है.
अब 22 अप्रैल की सुनवाई पर टिकी सिपाहियों की नजर
झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले को काफी गंभीरता से लेने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद झारखंड पुलिस के लगभग 50,000 से ज्यादा सिपाहियों की निगाहें अब 22 अप्रैल को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई है.
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सरकार मूकदर्शक बनकर सिपाहियों का पीड़ा देखकर भी अनदेखी कर रही: राकेश पांडेय
झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय ने कहा कि पुलिस प्राधिकार के जो लोग हैं वह पुलिस कर्मियों की सभी जायज मांगों को टालमटोल कर रखना चाहते हैं. जो जायज मांगे हैं अगर कोर्ट ना दे तो प्राधिकार के लोग सिपाही और हवलदार को हाशिए पर ला देंगे. सरकार मूकदर्शक बनकर सिपाहियों और वर्दी धारियों की पीड़ा देखकर भी अनदेखी कर रही है. जो आने वाले भविष्य में बहुत ही बुरे दिन का संकेत है. इसके अलावा राकेश पांडे ने कहा कि 2004 के बाद पुलिसकर्मियों को अगर पेंशन नहीं देय है. तो 2004 के बाद विधायक, मंत्री बने लोगों को किस नियमावली के तहत पेंशन दिया जा रहा है.