MumbaI : महाराष्ट्र चुनाव पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के ट्वीट पर चुनाव आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र की मतदाता सूची के खिलाफ लगाये गये निराधार आरोप कानून के शासन का अपमान हैं. चुनाव आयोग ने 24 दिसंबर 2024 को ही कांग्रेस को भेजे अपने जवाब में ये सभी तथ्य सामने रखे थे, जो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है. ऐसा लगता है कि बार-बार ऐसे मुद्दे उठाते हुए इन सभी तथ्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है.
Following Lok Sabha LoP Rahul Gandhi's tweet on Maharashtra election, ECI says, "...unsubstantiated allegations raised against the Electoral Rolls of Maharashtra are affront to the rule of law. The Election Commission had brought out all these facts in its reply to INC on 24th… pic.twitter.com/5M7Gzf1anI
— ANI (@ANI) June 7, 2025
It is not that Rahul Gandhi doesn’t understand how the electoral process works. He does — very well.
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 7, 2025
But his goal is not clarity, it is chaos. His repeated attempts to sow seeds of doubt and dissension in the minds of voters about our institutional processes are deliberate.… https://t.co/3rjRv0vlXo pic.twitter.com/gJVguW3huZ
चुनाव आयोग ने एक्स पर पोस्ट किया. किसी के द्वारा फैलाई जा रही कोई भी गलत सूचना न केवल कानून के प्रति अनादर का संकेत है, बल्कि अपने ही राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों की भी बदनामी करती है. चुनाव आयोग ने लिखा कि यह लाखों चुनाव कर्मचारियों का मनोबल गिराती है, जो चुनाव के दौरान अथक और पारदर्शी तरीके से काम करते हैं. मतदाताओं द्वारा किसी भी प्रतिकूल फैसले के बाद, यह कहकर चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना पूरी तरह से बेतुका है.
अमित मालवीय ने भी राहुल को निशाने पर लिया
अमित मालवीय ने भी राहुल को निशाने पर लिया. एक्स पर पोस्ट किया कि राहुल गांधी को अच्छी तरह समझ है कि चुनावी प्रक्रिया कैसे काम करती है. राहुल गांधी का लक्ष्य स्पष्टता की जगह अराजकता है. जब कांग्रेस तेलंगाना और कर्नाटक में चुनाव जीतती है, तो उसे यह प्रणाली निष्पक्ष और न्यायपूर्ण लगती है, लेकिन जब हरियाणा से महाराष्ट्र में हारती हैं, तो रोना-धोना और साजिश की बात कहने लगती है.
अमित मालवीय ने ये भी लिखा है कि हमारी संस्थागत प्रक्रियाओं के बारे में वोटरों के मन में शक और असहमति के बीज बोने की कोशिश उन्होंने बार-बार की है. उन्होंने अमेरिका के खरबपति और कई देशों में सरकारों के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने वाले जॉर्ज सोरोस का नाम लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा.