Ranchi : मेक इन इंडिया और स्वदेशी आंदोलन का असली मकसद देश को आत्मनिर्भर और मजबूत बनाना है. उक्त बातें नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने एक्स हैंडल पर कही है.
मरांडी ने सेमीकंडक्टर चिप्स को दुनिया की अर्थव्यवस्था का ईंधन बताया है. उन्होंने कहा कि ॉमोबाइल, कार, लैपटॉप से लेकर रॉकेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक सब इन्हीं पर चलती है.
मेक इन इंडिया और स्वदेशी का असली उद्देश्य क्या है?
— Babulal Marandi (@yourBabulal) October 3, 2025
आज सेमीकंडक्टर चिप्स पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था का ईंधन हैं - मोबाइल, कार, लैपटॉप से लेकर रॉकेट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक सब कुछ इन्हीं पर चलता है।
2024 के आँकड़े देखें तो दुनिया भर में जितनी सेमीकंडक्टर चिप फैक्ट्रियाँ…
2024 के आंकड़े का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया की करीब 21% चिप फैक्ट्रियां चीन में हैं और 2030 तक यह हिस्सा 30% तक पहुंच सकता है. यानी हर तीसरी चिप फैक्ट्री चीन की होगी. जबकि चीन की अपनी जरूरत सिर्फ 5% है. इसका मतलब है कि चीन बाकी दुनिया को अपने ऊपर निर्भर बनाना चाहता है.
भारत सरकार ने इस चुनौती को समझते हुए बड़ा कदम उठाया है. गुजरात में टाटा-PSMC सेमीकंडक्टर फैक्ट्री बनाई जा रही है. लक्ष्य है कि 2025 के अंत तक पहली मेड-इन-इंडिया चिप तैयार हो. इसके लिए केंद्र सरकार ने India Semiconductor Mission के तहत 50% तक आर्थिक मदद दी है और गुजरात सरकार भी इसे सेमीकंडक्टर हब बनाने में जुटी है.
मरांडी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का विजन है कि भारत अपनी जरूरतें खुद पूरी करने के साथ-साथ दुनिया की सप्लाई चेन में भी अहम भूमिका निभाए. यही मेक इन इंडिया और स्वदेशी का असली उद्देश्य है.
उन्होंने कहा कि चिप से लेकर खादी तक, भारत में बनी हर चीज देश को आत्मनिर्भर और मजबूत बनाने में योगदान देती है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार और उद्योग जगत के साथ-साथ आम जनता की भागीदारी भी जरूरी है.
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