Ranchi : झारखंड के चर्चित शराब घोटाला मामले में एसीबी (ACB) ने राज्य के वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे, छत्तीसगढ़ के बड़े कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया, झारखंड के IAS अधिकारी अमित प्रकाश और प्रिज्म होलोग्राफी के डायरेक्टर विधु गुप्ता को गिरफ्तार किया था. शराब घोटाला केस में जिन लोगों के विरुद्ध ACB की कार्रवाई हुई, उसकी लिस्ट लंबी है.
लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि वैसे लोगों की लिस्ट भी लंबी है, जिनके विरुद्ध दिखावे के लिए कार्रवाई की गई. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि जिस केस में राज्य की ब्यूरोक्रेसी में प्रभाव रखने वाले विनय कुमार चौबे को केस दर्ज होने के महज कुछ घंटों बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. उस मामले में ACB आधा दर्जन आरोपियों का वारंट लेकर चुपचाप बैठी रही.
शराब घोटाला मामले में एसीबी ने आशीष केडिया, महेश सीडगे, जगन देसाई ,कमल देसाई , शीतल देसाई, बिपिन परमार, विक्रम सिंह ठाकुर और अप्रेश ठाकुर के विरुद्ध वारंट लिया है. उक्त सभी आरोपियों का वारंट जारी हुए एक महीने से अधिक समय बीत चुके हैं, लेकिन एजेंसी की ओर से इनकी गिरफ्तारी के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी कर दिया था तो ACB की कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या इसके पीछे कोई बड़ी वजह थी या फिर इसके पीछे कोई और कारण था.
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