Ranchi: पीएलएफआई उग्रवादी संगठन के कमांडर 15 लाख इनामी मार्टिन केरकेट्टा को गुमला पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. वह झारखंड के सात जिलों में आतंक का पर्याय बना हुआ था. जिनमें खूंटी, गुमला, रांची, सिमडेगा, चाईबासा, चतरा और हजारीबाग जिला शामिल है. इन सभी जिलों में उसके खिलाफ कुल 62 मामले दर्ज है. पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के पकड़े जाने के बाद यह संगठन को लीड कर रहा था.
दिनेश गोप के बचपन का साथी था, साथ पढ़ाई भी की
मार्टिन मूल रूप से कामडारा के रेड़मा गांव का रहने वाला था और पीएलएफआई की केंद्रीय समिति का सक्रिय सदस्य था. लेवी वसूली, धमकाने और फायरिंग की रणनीति वही तय करता था. पुलिस को उसकी लंबे समय से तलाश थी.
दिनेश गोप की वजह से मार्टिन का संगठन में कद बड़ा था. मार्टिन और दिनेश गोप बचपन के साथी थे. दोनों एक साथ लापुंग के महुगांव स्थित स्कूल में पढ़ाई करते थे. बाद में दोनों ने एक साथ संगठन का विस्तार किया.
मार्टिन केरकेट्टा के निशाने पर थे आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो
मार्टिन केरकेट्टा के निशाने पर आजसू सुप्रीमो झारखंड के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो थे. इसकी सूचना खुफिया विभाग ने भी झारखंड पुलिस से साझा की थी. पूर्व में गिरफ्तार पीएलएफआइ के दस लाख के इनामी जोनल कमांडर तिलकेश्वर गोप उर्फ राजेश गोप ने भी पुलिस की पूछताछ में इसका खुलासा किया था.
रांची पुलिस ने तिलकेश्वर गोप को 25 जनवरी 2023 को अनगड़ा थाना क्षेत्र के जोन्हा इलाके से पकड़ा था. पुलिस ने तिलकेश्वर के साथ एक अन्य माओवादी सूरज गोप को भी गिरफ्तार किया था. सुदेश महतो को उग्रवादियों ने निशाने पर क्यों रखा था, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं हो पाई है.
बताया जा रहा है कि इसका राजनैतिक कारण था. हालांकि अब मार्टिन के मारे जाने के बाद आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो का भी खतरा टल गया है.
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