Ranjit Kumar Medininagar (Palamu): पलामू जिले में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के तहत किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. इसमें हुसैनाबाद के दंगवार, डुमरहाथा, कजरात नावाडीह और एकौनी गांव में किसानों को बीज विनिमय एवं वितरण योजना अंतर्गत 50 प्रतिशत अनुदान पर विभिन्न फसलों का उन्नत बीज उपलब्ध कराये गये हैं. जिसे लेकर खेती कर रहे हैं. दंगवार एवं डुमरहाथा के कई किसानों ने सामूहिक रूप से शुगर फ्री आलू और चिप्सोना प्रजाति के आलू की खेती की है. उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र के मार्गदर्शन में किसानों ने वीर कुंअर सिंह कृषक सेवा सहकारी समिति लिमिटेड, डुमरहाथा के बैनर तले सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टिट्यूट, शिमला के कुफरी से बीज मंगाकर शुगर फ्री एवं चिप्स बनाने वाली आलू की खेती प्रारंभ की है. हुसैनाबाद प्रखंड क्षेत्र में 5 एकड़ से अधिक एवं गढ़वा जिले के उचरी गांव में एक एकड़ में सुगर फ्री आलू की खेती की जा रही है. कृषि विज्ञान केन्द्र के हेड सह कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि सामान्य आलू में कार्बोहाइड्रेट अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है. इसमें विटामिन, प्रोटीन, फाइवर, पोटैशियम और आयरन पाया जाता है. जो शरीर के लिए फायदेमंद है. किसान प्रियरंजन सिंह ने कहा कि इसकी खेती सामान्य आलू की तरह ही होती है. मेहनत भी बराबर पड़ती है, लेकिन इसकी उपज सामान्य आलू से करीब तीन गुना अधिक होती है. किसानों ने बताया कि सुगर फ्री एवं चिप्स बनाने वाली आलू का बाजार मूल्य भी अधिक है. सामान्य आलू की बिक्री 10-15 रुपए प्रति किलोग्राम होती है. वहीं सुगर फ्री आलू 50-80 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बिकती है. यहां जैविक खाद का प्रयोग कर आलू की खेती हे रही है. किसानों ने बताया कि जैविक खाद का उपयोग किये जाने से शुगर फ्री आलू एवं चिप्सोना प्रजाति के आलू की फसल का पैदावार सामान्य आलू की खेती से ज्यादा होता है. इसमें कीड़े-मकोड़े भी कम लगते हैं. किसान प्रियरंजन सिंह के अलावा अशोक मिस्त्री, राजकुमार मेहता, सुधीर मेहता, जितेन्द्र मेहता, टहल मेहता और राम अवतार मेहता जैसे किसान भी इसकी खेती में लगे हैं. किसानों ने बताया कि पिछले दो वर्ष से वे इसकी खेती कर रहे हैं. लोकल बाजार जाकर बेचने की भी आवश्यकता नहीं होती. किसानों के खेत एवं घर से ही आसपास के लोग इसे खरीद ले जाते हैं. वहीं छत्तीसगढ़, झारखंड के रांची एवं बिहार के डिहरी से लोग आकर खरीदकर ले जाते हैं. किसानों की इसकी खेती करने पर आयुक्त ने कहा कि पलामू के किसान शिमला से बीज मंगाकर सुगर फ्री आलू एवं कुफरी चिप्सोना प्रजाति के आलू का उत्पादन कर रहे हैं. ऐसे किसानों को धन्यवाद एवं शुभकामनाएं हैं, जिन्होंने नये प्रभेद की खेती प्रारंभ की है. इच्छुक किसानों से अपील है कि वे भी नये-नये प्रभेदों को अपने खेतों में लगाएं. इससे ज्यादा मुनाफा होगा और खेती लाभदायक सिद्ध होगी.
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उपायुक्त ने कहा कि पलामू के किसानों द्वारा शुगर फ्री एवं चिप्स बनाने के लिए विशेष प्रजाति के आलू का उत्पादन किया जा रहा है. काफी अच्छी पैदावार हुई है. आलू की खेती पूरी तरह से जैविक विधि से की गयी है. पारंपरिक खेती के तरीकों से हटकर वैज्ञानिक तरीके से खेती करना और नये तरीके के उन्नत बीज के साथ खेती करना पलामू जिले के किसानों के लिए अच्छा है. कृषक भाई-बंधु अच्छा कर रहे हैं. आशा है कि भविष्य में इसी तरह के नये प्रभेद/प्रजाति वाले फसल की उपज होगी और किसान इससे समृद्ध होंगे.
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