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विधायक सरयू राय ने सीएम को पत्र लिख मेनहर्ट, कंबल घोटाला सहित आधा दर्जन मामलों में कार्रवाई करने को कहा

Jamshedpur : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनके द्वारा उठाए गए भ्रष्टाचार और घोटालों से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि कार्रवाई में विलंब होने से वे अदालत का रुख अख्तियार कर सकते हैं. मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में राय ने कहा है कि आपके नेतृत्व में झारखंड सरकार बने दो वर्ष हो गए. इस अवधि में उन्होंने भ्रष्टाचार के कतिपय गंभीर मुद्दों के बारे में मुख्यमंत्री को प्रमाण के साथ अवगत कराया. इस पर शुरुआत में मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया. मेनहर्ट घोटाला के नाम से कुख्यात रांची शहर के सिवरेज-ड्रेनेज योजना में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने का आदेश मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को दिया. कंबल घोटाला की जांच का आदेश हुआ. मोमेंटम झारखंड के नाम पर हुए सरकारी धन की लूट की जांच कराने की बात आगे बढ़ी. झारनेट 2.0 योजना की बदहाली में पूर्ववर्ती सरकार के मुख्यमंत्री की भ्रष्ट भूमिका के प्रमाण मुख्यमंत्री को दिया. इसी तरह कौशल विकास एवं नियोजन में हुए फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश किया. राज्य स्थापना दिवस समारोह-2016 के अवसर पर टॉफी और टी-शर्ट की खरीद एवं सुनिधि चौहान का कार्यक्रम आयोजित करने में तत्कालीन मुख्यमंत्री सचिवालय की संलिप्तता के कारण लाखों रुपए के सरकारी धन का वारा-न्यारा होने के ठोस प्रमाण उपलब्ध कराया. विधायक सरयू राय ने बताया कि उक्त मामले में विधानसभा पटल पर मुख्यमंत्री ने एसीबी जांच कराने का आश्वासन दिया. इसी मामले में झारखंड हाईकोर्ट में दायर एक मुकदमा में सरकार के अधिवक्ता सुनवाई कर रही खंडपीठ को बार-बार आश्वस्त कर रहे हैं कि सरकार इस मामले में कार्रवाई करने जा रही है. परंतु न तो विधानसभा में मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया आश्वासन अब तक पूरा हुआ और न ही हाईकोर्ट में कही गई बातों पर सरकार में अमल हुआ. इसे भी पढ़ें : चाकुलिया:">https://lagatar.in/ghatshila-news-corona-negligence-market-crowd-ghatshila-news-corona-negligence-market-crowded/">चाकुलिया:

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मेनहर्ट घोटाले में अब तक दर्ज नहीं हुई एफआईआर

विधायक सरयू राय ने बताया कि मेनहर्ट घोटाला की जांच एसीबी से कराने का आदेश मुख्यमंत्री ने एक साल पहले दिया था, परंतु यह आदेश एफआईआर कर जांच करने का नहीं हुआ, बल्कि प्रारम्भिक जाँच करने का हुआ. उन्होंने कहा कि जांच पदाधिकारियों के समूह ने इसकी गहन जांच कर कई माह पूर्व जांच प्रतिवेदन सौंप दिया है. जांच में मुख्य अभियुक्त और अन्य दोषी चिन्हित हो गए हैं. दोषियों को उनका पक्ष रखने का मौका भी दे दिया गया है. एफआईआर दर्ज कर उनके विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने का मामला सरकारी संचिका में धूल फांक रहा है. [wpse_comments_template]

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