Kolkata : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को कहा कि उनके दक्षिणपंथी संगठन और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का लक्ष्य एक ही है…. भारत को एक महान राष्ट्र बनाना. आरएसएस और स्वतंत्रता सेनानी की विचारधारा समान नहीं होने को लेकर जारी बहस के बीच भागवत ने यह बयान दिया है. आलोचकों का कहना है कि नेताजी धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते थे, जो कि आरएसएस की हिंदुत्व विचारधारा के विपरीत है.
उनके(सुभाष चंद्र बोस) युद्ध कौशल का क्या वर्णन करना। वो तो जगत प्रसिद्ध है। जिनके साम्राज्य पर सूर्यास्त नहीं होता, ऐसे लोगों के लिए एक नई सेना बनाकर उन्होंने चुनौती खड़ी की और भारत के दरवाजे पर दस्तक दी: RSS प्रमुख मोहन भागवत, कोलकाता pic.twitter.com/HCtauP9il9
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 23, 2023
#WATCH | On the occasion of Netaji Subhash Chandra Bose’s birth anniversary, WB BJP leaders join RSS Rally in Kolkata addressed by RSS chief Mohan Bhagwat.
LoP Suvendu Adhikari, WB BJP chief Sukanta Mazumdar, Lok Sabha MP Jyotirmoy Singh Mahato and other leaders were present. pic.twitter.com/IbZkV8Ybbt
— ANI (@ANI) January 23, 2023
My humble homage & tributes to the greatest son of Bharatmata Netaji Subhash Chandra Bose on his birth anniversary.His indomitable spirit & unforgettable deeds are ever inspiring for all Indians.The memorial (Moirang) is a pilgrimage centre of modern India.
-Dattatreya Hosabale pic.twitter.com/Ti9xZQAQal— RSS (@RSSorg) January 23, 2023
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हम नेताजी के गुणों को आत्मसात करें
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के योगदान की सराहना करते हुए भागवत ने सभी से बोस के गुणों व शिक्षाओं को आत्मसात करने और देश को विश्व गुरु बनाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, हम नेताजी को केवल इसलिए याद नहीं करते क्योंकि हम स्वतंत्रता संग्राम में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए उनके आभारी हैं बल्कि साथ ही यह भी हमें सुनिश्चित करते हैं कि हम उनके गुणों को भी आत्मसात करें. उनका भारत को महान बनाने का सपना अब भी पूरा नहीं हुआ है.
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सुभाष बाबू (नेताजी)पहले कांग्रेस से जुड़े थे
हमें इसे हासिल करने के लिए काम करना होगा. भागवत ने कहा कि स्थिति और रास्ते अलग हो सकते हैं, लेकिन मंजिल एक ही है. उन्होंने कहा, सुभाष बाबू (नेताजी) पहले कांग्रेस से जुड़े थे और उन्होंने सत्याग्रह’ तथा आंदोलन के मार्ग का अनुसरण किया, लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ कि यह काफी नहीं है और स्वतंत्रता के लिए लड़ने की जरूरत है तो उन्होंने इसके लिए काम किया. रास्ते अलग-अलग हैं लेकिन लक्ष्य एक हैं.
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आरएसएस प्रमुख ने कहा, अनुसरण करने के लिए सुभाष बाबू के आदर्श हमारे सामने मौजूद हैं. उनके जो लक्ष्य थे, वही हमारे भी लक्ष्य हैं. उन्होंने कहा कि नेताजी ने कहा था कि भारत को दुनिया के लिए काम करना चाहिए और हमें यही लक्ष्य हासिल करने के लिए काम करना है. मोहन भागवत ने कहा कि आज हमारा देश और हमारा जीवन जिनके त्याग और तपस्या पर खड़ा है, उनको याद करना चाहिए.
हम सबको मिलकर भारत को दुनिया में एक स्थान दिलाना है
हम सबको मिलकर भारत को दुनिया में एक स्थान दिलाना है. इसके लिए जिन्होंने देश के लिए जीवन दिया है, उनको याद करना होगा. बचपन में ही नेताजी को परिवार के संस्कार और शिक्षकों की जो शिक्षा मिली, उनके चलते उनकी समाज के प्रति संवेदना थी. उसी का उत्तम विकास करते हुए नेताजी ने देश के लिए अपना समर्पण किया. मोहन जी ने कहा, नेताजी के सपने अभी पूरे नहीं हुए हैं. हमें इसे मिलकर पूरे करने होंगे. आरएसएस के कार्यक्रम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के भतीजे अर्धेन्दु बोस भी उपस्थित थे.
भारत बहुत पहले स्वतंत्र हो गया होता
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि, समय का भाग्य चक्र अगर सीधा चलता तो नेताजी भारत के अंदर प्रवेश करके बहुत आगे आ चुके होते. यहां रहकर यहां के स्वतंत्रता के लिए प्रयास करने वालों से मिलन होता और भारत बहुत पहले स्वतंत्र हो गया होता.
दत्तात्रेय होसबोले ने नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित की
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने आज भारतमाता के महान सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की. कहा कि उनकी अदम्य भावना और अविस्मरणीय कार्य सभी भारतीयों के लिए हमेशा प्रेरणादायक हैं. स्मारक (मोइरांग) आधुनिक भारत का एक तीर्थस्थल है.