NewDelhi : देश में मानसून अभी मनमौजी बना हुआ है. देश के 9 राज्य अभी भी मानसून का इंतजार कर रहे हैं.जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, लद्दाख, पंजाब आदि राज्यों में मानसून ने इंट्री नहीं मारी है. मौसम विभाग के अनुसार हरियाणा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में जल्द मानसून पहुंचने वाला है.एक्सपर्ट्स के अनुसार इस अवधि में सभी राज्यों में मानसून आ जाता था.
बता दें कि जहां समय से पहले मानसून पहुंचा, वहां काफी कम बारिश हुई है. दिलचस्प बात यह है कि जहां मानसून अभी पहुंचा ही नहीं, वहांसामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है. केरल में मानसून समय से पहले पहुंच गया, लेकिन बारिश अब तक औसत से 60% कम हुई है. जबकि जम्मू-कश्मीर में मानसून नहीं पहुंचाहै, वहां बारिश 119% ज्यादा हो चुकी है. तेलंगाना और तमिलनाडु की बात करें, तो वहां सामान्य से ज्यादा बारिश हो रही है.
Isolated heavy to very heavy rainfall also likely over Konkan, Goa & Coastal Karnataka during 24th-26th; over ghat areas of Madhya Maharashtra on 24th & 25th and over south Gujarat state on 25th June. pic.twitter.com/EviA0rg5tq
— India Meteorological Department (@Indiametdept) June 24, 2022
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उत्तर प्रदेश में मानसून की एंट्री पर बारिश कम
राजस्थान के पश्चिमी जिलों में 23 जून तक औसतन 26.1 मिमी बारिश होती है, जबकि अब तक 46 मिमी हो चुकी है. यानी सामान्य से 76% ज्यादा बारिश हुई. उत्तर प्रदेश में मानसून प्रवेश कर चुका है, लेकिन यहां बारिश अभी भी 85% कम है. मध्य प्रदेश में मानसून 90% एरिया कवर कर चुका है.
देशभर में 23 जून तक औसत बारिश का 100% कोटा पूरा हो चुका है
देश में 1 जून से 23 जून तक औसतन 113 मिमी बारिश होती है। 112 मिमी हो चुकी है, यानी देशभर में 23 जून तक औसत बारिश का 100% कोटा पूरा हो चुका है। मानसून जिस गति से आगे बढ़ रहा है, उसे देखते हुए एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह 30 जून तक सभी राज्यों में एंट्री कर लेगा।
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बांधों में तेजी से बढ़ रहा पानी
मानसून की बात अलग लेकिन मूसलाधार बारिश की वजह से बांधों का भरना तेजी से शुरू हो गया है. देश के 143 प्रमुख बांधों में पानी का स्तर 23 जून तक सामान्य से 25% अधिक हो चुका है. दक्षिण भारत के लगभग सभी बांधों में सामान्य से 60% तक ज्यादा पानी भर चुका है. ऐसा ही रहा तो इस बार बांधों में पानी के स्तर के दशकों के रिकॉर्ड टूट सकते हैं. हालांकि, अभी उत्तरी राज्यों में जलाशय का स्तर नीचे है.