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मॉनसून सत्रः कृषि मंत्री ने कहा- धान की फसल को 10 फीसदी नुकसान हुआ

Ranchi : झारखंड विधानसभा में अतिवृष्टि पर विशेष चर्चा हुई, जिसमें उमाकांत रजक ने सदन में विशेष चर्चा का प्रस्ताव रखा. विशेष चर्चा के बीच भाजपा ने सदन से वॉकऑउट किया. उमाकांत रजक ने कहा कि राज्य में औसत से 32 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, जिससे वज्रपात से 200 लोगों और 600 मवेशियों की मौत हुई है.

 

कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार राज्य धान में 10 प्रतिशत का नुकसान हुआ है लेकिन मोटे अनाज में ज्यादा नुकसान हुआ है. आपदा निधि से फसल से लेकर मकान की क्षति के नुकसान की भरपाई की जाएगी. फसल बीमा योजना चलाई जा रही है. किसानों के लिए मुआवजा प्रावधान किया जा रहा है बिरसा फसल योजना के तहत निबंधन जारी है.

 

इस साल यूरिया की खपत अधिक

मंत्री ने कहा कि इस वर्ष यूरिया की खपत ज्यादा है. लेकिन केंद्र सरकार से मिलने वाले एक लाख 60 हजार मीट्रिक टन के बजाय 1 लाख 13 हजार मीट्रिक टन यूरिया मिल पाया है. अभी भी 40 से 50 हजार मीट्रिक टन मिलना बाकी है.

 

इसको लेकर विभाग ने केंद्र सरकार से पत्राचार भी किया है. यूरिया की कमी पूरे देश भर में है. इसके लिए केंद्र सरकार की विदेश नीति जिम्मेवार है. यूरिया चाइना और पाकिस्तान से आता है. पाकिस्तान के साथ क्या संबंध है ये पूरा देश जनता है.

 

अभी तक चाइना से यूरिया बैन होने के बाद मिलना शुरू नहीं हुआ है. इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेवार है. यूरिया को लेकर मिल रही शिकायत के बाद 500 के करीब रेड हुए है 8 लाइसेंसधारी का लाइसेंस सस्पेंड गया है. 21 का लाइसेंस रद्द किया गया है. जबकि दो के विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज किया गया है. राज्य सरकार किसानों के साथ मुस्तैदी से खड़ी है.

 

2 लाख हेक्टेयर में लगे फसल नष्ट हुएः बाबूलाल

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अतिवृष्टि से करीब 2 लाख हेक्टेयर में लगे फसल नष्ट हुए हैं. राज्यभर में करीब 15000 से अधिक कच्चे घर गिरे हैं. सर्पदंश से लगभग 100 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, जबकि पानी में डूबने से 175 लोगों की जान गई है. भारी बारिश की वजह से हजारों ट्रांसफार्मर बदले गए हैं और दर्जनों पूल पुलिया क्षतिग्रस्त हुए हैं.

 

प्रभावितों को जल्द दें मुआवजा

बाबूलाल मरांडी ने मांग की कि अतिवृष्टि और वज्रपात से प्रभावित परिवारों को जल्द मुआवजा दिया जाए. उन्होंने सरकार से सभी रेवेन्यू विलेज तक पक्की सड़कें बनाने की घोषणा करने की मांग की. सरकार को कच्चे मकानों को पक्का मकान बनाने की आवश्यकता है.

 

बाबूलाल मरांडी ने कैग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं होने की वजह से सरकार काम नहीं कर पाई. सरकार को भविष्य में होने वाले प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है.

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