Ranchi : झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र कई मायनों में अहम होगा. विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही अपनी-अपनी रणनीति के साथ तैयार हैं. विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा, जबकि सत्ता पक्ष अपनी उपलब्धियों को गिनाने और विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की तैयारी में है. इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे, जो राज्य के विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होंगे.
इन मुद्दों पर विपक्ष मांगेगा जवाब
• सूर्या हांसदा एनकाउंटर : भाजपा इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगी और सरकार से जवाब मांगेगी.
• विधि व्यवस्था : विपक्ष सरकार की विधि व्यवस्था पर सवाल उठाएगा और सुधार की मांग करेगा.
• सीजीएल परीक्षा : भाजपा सीजीएल परीक्षा की जांच को लेकर सरकार पर दबाव बनाएगी.
• आर्थिक मुद्दे : विपक्ष राज्य के आर्थिक मुद्दों पर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाएगा.
• मदर टरेसा क्लीनिकः पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से राज्य में चल रहे क्लिनिक का नाम बदल कर मदर टेरेसा के नाम से कर दिया गया है. इससे भी भाजपा काफी बौखलाई हुई है.
सत्ता पक्ष भी देगा जवाब
सत्ता पक्ष भी अपनी उपलब्धियों को गिनाने और विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की तैयारी में है. सरकार ने कई विधेयकों को पारित कराने की योजना बनाई है और सत्ता पक्ष के नेता विपक्ष के हमलों का जवाब देने और अपनी सरकार की नीतियों को न्यायसंगत ठहराने की कोशिश करेंगेय
ये विधेयक हो सकते हैं पेश
• आदिवासी संरक्षण विधेयक : इस विधेयक का उद्देश्य आदिवासी भूमि के गैरकानूनी हस्तांतरण को रोकना है.
• झारखंड खनन और पर्यावरण संरक्षण विधेयक : इस विधेयक का उद्देश्य खनन गतिविधियों के कारण पर्यावरणीय क्षति को कम करना और स्थानीय समुदायों के लिए पुनर्वास नीतियों को मजबूत करना है.
• झारखंड पंचायती राज (संशोधन) विधेयक : इस विधेयक का उद्देश्य ग्राम पंचायतों को और सशक्त बनाना है.
• झारखंड साइबर अपराध निवारण विधेयक : इस विधेयक का उद्देश्य बढ़ते साइबर अपराधों को नियंत्रित करना है.
• झारखंड विश्वविद्यालय विधेयकः इस विधेयक के पारित होने के बाद, विश्वविद्यालयों में कुलपतियों और अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा गठित आयोग के माध्यम से की जाएगी.
अनुपूरक बजट
इस सत्र में वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा, जो राज्य के विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होगा. इस बजट में सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाया जाएगा और राज्य के विकास के लिए आवश्यक संसाधनों का आवंटन किया जाएगा.
सवालों और जवाब की फैक्ट फाइल
• झारखंड विधानसभा के पिछले बजट सत्र के दौरान कई सवाल और आश्वासन आए थे, जिनमें से अधिकांश अभी भी लंबित हैं.
• शून्य काल में 391 सवाल : इनमें से मात्र 31 सवालों के जवाब प्राप्त हुए हैं, जबकि 360 प्रश्न अभी भी लंबित हैं.
• सभी आश्वासनों का जवाब अभी तक नहीं दिया गया है, जो कि एक बड़ी चिंता का विषय है.
• निवेदन के जरिए 135 सवाल : इनमें से केवल 9 सवालों के जवाब प्राप्त हुए हैं, जबकि 126 सवाल अभी भी लंबित हैं.
• ध्यानाकर्षण के जरिए 5 सवाल : इन सभी सवालों का जवाब अभी तक विधानसभा सचिवालय को नहीं प्राप्त हुआ है.
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