- विपक्ष ने कहा- दिशोम गुरु के नक्शे कदम पर चल रहा था सूर्या हांसदा
Ranchi : झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सदन के बाहर और अंदर पक्ष-विपक्ष का विरोध –प्रदर्शन जारी रहा. विपक्ष सूर्या हांसदा एनकाउंटर और रिम्स टू के खिलाफ तो सत्ता पक्ष 130वां संशोधन विधेयक वापस लेने की मांग पर अड़े रहे.
सोमवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई. सत्ता पक्ष और विपक्ष वेल में घुस कर आमने-सामने हो गए. भाजपा विधायक वेल में घुस कर सूर्या हांसदा एमकाउंटर मामले में सीबीआई जांच और रिम्स टू का विरोध करने लगे. वेल में पोस्टर भी फाड़े.
हंगामा होता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12-30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद जब 12-30 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो स्पीकर ने सदन को बताया कि राज सिन्हा और आलोक चौरसिया द्वारा लाया गया कार्यस्थगन की सूचना अमान्य कर दी गई है.
इस बाद फिर से सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए. दोनों पक्ष वेल में घुसे. हंगामे के बीच वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सदन में सीएजी की रिपोर्ट पेश की. इसके बाद स्पीकर से सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
दिशोम गुरु के नक्शे कदम पर चल रहे थे सूर्या हांसदा
दूसरी पाली की कार्यवाही शुरू होते ही सत्येंद्रनाथ तिवारी ने कहा कि हम अच्छी परिपाटी की शुरूआत करना चाहते हैं. कहा कि सूर्या हांसदा दिशोम गुरु के नक्शे कदम पर चल रहा था. दिशोम गुरू ट्राइबल समाज के इतने बड़े नेता हए. उन्होंने भी विध्न बाधाएं झेंलीं. एकीकृत बिहार में उनको सूट करने का भी आदेश दिया गया था.
आज भी राज्य सरकार उनके नक्शे कदम पर चलने का संकल्प लेती है. सूर्या भी गुरुजी के नक्शे कदम पर चल रहा था. इस संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि गुरुजी की तुलना अपराधी प्रवृति के व्यक्ति से करना दुर्भाग्यपूर्ण है.
दिशोम गुरु भी तिहाड़ जेल में बंद रहेः बाबूलाल
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हम सब पॉलिटिकल क्षेत्र में काम करते हैं. संघर्ष करते हैं. सूर्या हांससदा राजनीतिक व्यक्ति थे. चार-चार बार बोरियो विधानसभा सीट से चुनाव लड़े. उनके ऊपर 24 केस हैं. जिसमें से 15 समाप्त हो गए. शेष केस में जमानत पर हैं.
बाबूलाल ने कहा कि दिशोम गुरु भी किस –किस प्रकार के केस में थे. तिहाड़ जेल में भी बंद रहे. सूर्या हांसदा को अपराधी कहना उचित नहीं है. इसकी जांच सीबीआई से कराएं. हमलोग कोई न्यायाधीश नहीं. किसी को अपराधी घोषित नहीं कर सकते.
कहां राजा भोज कहां भोजवा तेलीः हेमलाल
हेमलाल मुर्मू ने कहा कि भाजपा कुछ दिनों से सूर्या हांसदा प्रकरण को हॉट केक की तरह प्रस्तुत कर रही है. गुरुजी से सूर्या हांसदा की तुलना कहां राजा भोज कहां भोजवा तेली जैसी है. अपराधी न हिंदू होता और न मुस्लिम. अपराधी का कोई जात नहीं होता. सूर्या हांसदा चार-पांच साल अंडरग्राउंड रहा.
उस पर सबसे पहला केस 26 दिसंबर 2003 को हत्या का दर्ज किया गया. इसमें आरोप पत्र भी दाखिल हुआ. झामुमो के प्रखंड अध्यक्ष सुनील टुडू की हत्या में भी सूर्या हांसदा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ. मूर्मू ने कहा कि भाजपा के पास राज्य की जनता के लिए कोई नीति नहीं है.
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