Ranchi : झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के समापन में स्पीकर ने कहा कि कई सदस्य अपनी जनप्रतिबद्धता और स्थानीय समस्याओं की अपेक्षा दलगत निर्देशों को प्राथमिकता देते हैं. उन्होंने अपील की कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनता की आवाज को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
उन्होंने बताया कि झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र 22 अगस्त से 28 अगस्त 2025 तक आयोजित किया गया था. इस सत्र में कुल 324 प्रश्न स्वीकृत किए गए, जिसमें 107 अल्पसूचित, 183 तारांकित और 34 अतारांकित प्रश्न शामिल थे.
स्पीकर ने दी जानकारी
स्पीकर ने कहा कि इस सत्र में शून्यकाल की कुल 70 सूचनाएं स्वीकृत हुईं और कुल 21 निवेदन प्राप्त हुए. कुल 34 ध्यानाकर्षण प्राप्त हुए, जिसमें से 20 स्वीकृत हुए और 4 ध्यानाकर्षण सदन में उत्तरित हो पाए. इस सत्र में प्रथम अनुपूरक बजट सहित 5 अन्य राजकीय विधेयक पारित किए गए, जिनमें झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, झारखंड व्यावसायिक शिक्षण संस्थान (शुल्क विनियमन) विधेयक और झारखंड प्लेटफॉर्म आधारित गिग श्रमिक (निबंधन और कल्याण) विधेयक शामिल हैं.
दिशोम गुरु शिबू सोरेन को सम्मान 'भारत रत्न' प्रदान करने के लिए प्रस्ताव पारित
स्पीकर ने कहा कि सदन ने सर्वसम्मति से दिशोम गुरु शिबू सोरेन को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' प्रदान करने के लिए प्रस्ताव पारित किया. इस निमित्त भी यह सत्र ऐतिहासिक साबित होगा. सदन की कार्यवाही के बीच एक पीड़ादायक परिणाम भी सामने आती है जिसको आज इस अवसर पर साझा करना आवश्यक हो जाता है.
यह देखा जा रहा है कि कई सदस्यगण अनेक बार अपनी जनप्रतिबद्धता और स्थानीय समस्याओं की अपेक्षा दलगत निर्देशों को प्राथमिकता देने लगते है. जब जनादेश से चुने गये हम सब जनप्रतिनिधि जनता की अपेक्षाओं को पीछे छोड़कर केवल पार्टी कमांड का पालन करते है तो यह सदन के लिए, लोकतंत्र के लिए बहुत उचित प्रतीत नहीं होता है.
लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा का उल्लेख
लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा तभी बनी रह सकती है जब प्रत्येक सदस्य अपना दायित्व जनता के प्रति निष्पक्षता से पालन करे. आज यह आग्रह करना चाहूंगा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनता की आवाज को प्राथमिकता कम से कम प्रश्नकाल में जरूर दे.
मैं यहां सदन के प्रथम निर्वाचित भारतीय अध्यक्ष विट्ठल भाई के संसदीय अनुशासन को स्मरण करना चाहूंगा. उनका मानना था कि ‘सदन की शक्ति उसके परम्परा और अनुशासन में है यदि नियमों का पालन न हो, तो यह केवल बहस का मंच रह जायेगा न की एक लोकतांत्रिक संस्था’.
सत्र के संचालन में मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद, नेता प्रतिपक्ष, सभी दलों के नेता और सभी सदस्यों का जो सहयोग मुझे प्राप्त हुआ इसके लिए मैं धन्यवाद देना चाहता हूं.
राज्य सरकार के समस्त अधिकारियों, विधान सभा सचिवालय के पदाधिकारी/कर्मी, पुलिस बल और मीडिया का भी आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस सत्र को सफल बनाने के लिए अपना योगदान दिया.
महत्वपूर्ण विधेयक
- झारखंड प्लेटफॉर्म आधारित गिग श्रमिक विधेयक: यह विधेयक झारखंड के गिग श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा और न्यायपूर्ण अवसरों की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा. यह कानून अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल बन सकता है.
- झारखंड व्यवसायिक शिक्षण संस्थान शुल्क विनियमन विधेयक: यह विधेयक राज्य में तेजी से बढ़ती निजी शिक्षा और निजी संस्थानों की फीस संरचना और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का सशक्त माध्यम बनेगा.
- झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक: यह विधेयक राज्य के कोचिंग संस्थानों को एक व्यवस्थित, पारदर्शी और जवाबदेह ढांचे के अंतर्गत लाने का प्रयास है.
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