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CUJ में मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनायी गयी, विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया

Ranchi :  झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय में आज हिंदी साहित्य के महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की.कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हिंदी भाषा और साहित्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना, कार्यालयीन कार्यों में हिंदी के अधिकतम उपयोग को प्रोत्साहित करना और मुंशी प्रेमचंद के जीवन एवं साहित्य से प्रेरणा लेना था.

 

कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास द्वारा दीप प्रज्वलन और मुंशी प्रेमचंद के चित्र पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर की गई. मंच पर उनके साथ भाषा संकाय की संकायाध्यक्ष प्रो. श्रेया भट्टाचार्जी, हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. रत्नेश विश्वक्सेन और जनसंचार एवं मीडिया टेक्नोलॉजी संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. देवव्रत सिंह उपस्थित रहे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हिंदी अधिकारी श्री मधुरागी श्रीवास्तव तथा अन्य विशिष्ट अतिथियों का स्वागत कर विधिवत उद्घाटन किया गया.

 

मुख्य अतिथि एवं कुलपति प्रो. दास ने अपने संबोधन में कहा कि क्रिएटिव इकॉनमी  के इस युग में प्रेमचंद को नई पीढ़ी से जोड़ा जा सकता है. आज के कंटेंट क्रिएटर्स और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स जिस रचनात्मक शैली में जानकारी साझा करते हैं, उसी तरह वे प्रेमचंद की कहानियों और भारतीय संस्कृति को भी आधुनिक तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं.उन्होंने यह भी कहा कि प्रेमचंद न केवल साहित्यकार थे, बल्कि समाज सुधार की एक जीवंत चेतना थे. उनकी कहानियों को डिजिटल युग के माध्यम से युवाओं तक पहुँचाकर रोजगार के नए अवसर भी सृजित किए जा सकते हैं.

 

हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. रत्नेश विश्वक्सेन ने प्रेमचंद के यथार्थवादी लेखन और सामाजिक सरोकारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेमचंद का साहित्य आज भी उतना ही प्रासंगिक और प्रेरक है, जितना उनके समय में था. प्रो. श्रेया भट्टाचार्जी और प्रो. देवव्रत सिंह ने भी प्रेमचंद की जीवनी और साहित्यिक योगदान पर विस्तार से चर्चा की और विद्यार्थियों को प्रेरित किया.कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. जगदीश सौरभ द्वारा किया गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के उपकुलसचिव ले. कमांडर उज्ज्वल कुमार, जनसंपर्क अधिकारी डॉ. सुदर्शन यादव, डॉ. रवि रंजन, सहायक कुलसचिव श्री नफीस अहमद खान सहित लगभग 300 हिंदी साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे.

 

 


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