- राष्ट्रमाता कहलाने का गौरव का नहीं आया है समय
- आपकी बहन या माता होकर रहना ज्यादा पसंद करूंगी
- झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के सीएम जनजातीय समुदाय से
- आज आदिवासी समाज है सबसे पिछड़ा
Ranchi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाले इस क्षेत्र (गुमला) की नदियां, पहाड़, जंगल देश के प्राचीनतम परंपराओं के साक्षी रहे हैं. वे मंगलवार को गुमला में आयोजित अंतराज्यीय जन सांस्कृतिक समागम समारोह सह कार्तिक जतरा में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहीं थीं.
उन्होंने कहा कि इस आयोजन में जनजातीय समुदाय और सदान समुदाय का संगम हो रहा है. 140 करोड़ देशवासियों का मेरा परिवार है. मैं इस विशाल परिवार के जनजातीय समुदाय की बेटी हूं. राष्ट्रमाता होने का गौरव का समय नहीं आया है. आपकी बहन या माता होकर रहना ज्यादा पसंद करूंगी. मुझे अपनापन महसूस हो रहा है.
राज्यपाल के रूप में झारखंड के जनजीवन को बहुत ही निकटता से देखा है और समझा है. राज्यपाल का कार्यकाल पांच साल का होता है, लेकिन मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे झारखंड में छह साल तक राज्य और समाज के सेवा का मौका मिला. भगवान बिरसा मुंडा के जन्म स्थली और कार्य क्षेत्र में आकर मुझे तीर्थ यात्रा करने जैसा अनुभव हो रहा है.
भारत का गौरव है जनजातीय समाज
कार्तिक उरांव ने धरती आबा बिरसा मुंडा के आदर्शों के अनुरूप जनजातीय चेतना और पहचान को मजबूत बनाया. हमें उनके आदर्शों पर चलकर समाज और देश के समग्र विकास लिए कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए.
कार्तिक उरांव ने जनजातीय समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि समस्त जन समुदाय व देशवासियों के लिए एक प्रेरक विरासत छोड़ गए हैं. उन्होंने महत्पूर्ण पदों को सुशोभित किया. शिक्षा के प्रचार-प्रसार को महत्व दिया. जनजातीय समाज भारत का गौरव है.
विकास की कुंजी है शिक्षा
शिक्षा व्यक्ति परिवार और समाज का मूलमंत्र है. छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा के ऊपर भगवान का बहुत आर्शीवाद भी है. तीनों राज्यों के सीएम जनजातीय समुदाय से हैं. शिक्षा विकास की कुंजी है.
एक सीएम होने के नाते जितने विभाग हैं, सभी विभागों का विकास करना कर्तव्य है. लेकिन सभी विभाग तब आगे बढ़ेंगे, जब शिक्षा आगे बढ़ेगी. मैं अपने तरफ से इस क्षेत्र में विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रयास करूंगी.
सभी का सहयोग होगा तो शिक्षा का यह प्रस्ताव एक न एक दिन फलीभूत होगा. शिक्षा व्यक्तित्व को निखारती है और विकास के अवसर भी उत्पन्न करती है.
सरकार अंत्योदय में करती है विश्वास
देश में अनेक एकलव्य मॉडल स्कूल स्थापित किए गए हैं. जनजातीय समाज के लिए सरकार समावेशी विकास में विश्वास करती है. अंत्योदन में विश्वास करती है, ताकि समाज के सबसे अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचे. सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है. पूरे देश में बिरसा मुंडा की जयंती मनाई गई. बिरसा के नाम से काफी सारी योजनाएं चल रही हैं.
आज आदिवासी समाज सबसे पिछड़ा
आज आदिवासी समाज सबसे पिछड़ा है. अभी भी ऐसा है कि आदिवासी समाज के लोग पेड़ में मंच बनाकर रहते हैं. जंगल में जमीन में सोते हैं. उनके पास जमीन के साथ खान-पान भी नहीं है. जब मैं झारखंड की राज्यपाल थी, तब मैंने पाया कि 75 आदिवासी समाज ऐसे हैं, जिनके पास जमीन और घर नहीं है.
अभी भी ऐसे जीते हैं, जैसे जंगलों दूसरे प्राणी रहते हैं. सरकार मिशन मोड में इनके लिए काम कर रही है. सामुहित विकास के लिए प्रयास रत है. टाना भगतों के जमीन का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था. लेकिन जब मैं राज्यपाल थी, तो एक रूपए देकर जमीन का रजिस्ट्रेशन कराया.
आदिवासी समाज को रास्ता दिखाना हमारा कर्तव्य
आदिवासी समाज को आज भी आगे जाने की जरूरत है. हमलोगों का कर्तव्य है कि उनको रास्ता दिखाएं. सरकार के नीति नियमों और योजनाओं से अवगत कराएं. जनजातीय समुदाय के कई लोग ऐसे होते हैं, जो पढ़ लिखकर टाउन में रह जाते हैं. गांव नहीं जाते. राष्ट्रपति ने उनसे गांव जाने की अपील की. कहा कि जनजातीय समाज के उत्थान के लिए काम करना होगा. उन्होंने जनता से आदिवासी समाज को सरकार की योजनाओं से अवगत कराने का संकल्प लेने को कहा.
वीरों की भूमि रही है गुमला
राष्ट्रपति ने कहा कि गुमला वीरों की भूमि है. उन्होंने अलबर्ट एक्का का जिक्र करते हुए कहा कि उनके नाम से डाक टिकट भी जारी हुआ. राष्ट्रपति भवन में 21 वीर सपूतों के चित्रों और उनके परिचय के साथ परमवीर दीर्घा का उद्घाटन किया गया, उसमें अलबर्ट एक्का का चित्र व जीवन परिचय सदा के लिए विद्यमान रहेगा. कोई भी प्रेसिडेंट आएंगे तो उनको देखेंगे.
उन्होंने कहा कि खेल कूद भी जिंदगी जीने का, आगे बढ़ने का और विकास की धारा में आगे पहुंचने का बड़ा माध्यम है. युवा पीढ़ी को जनजातीय परंपराओं से जोड़कर रखना आवश्यक है. जनजातीय समाज के अंदर बहुत सी कलाकृति है. जनजातीय समाज को आर्थिक और समाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महिला और पुरूष दोनों को आगे आना होगा. राष्ट्रपति ने केंद्र सरकार द्वारा जनजातीयों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का भी उल्लेख किया.
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद ले रहा अंतिम सांस : विष्णु देव साय
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से पीड़ित था. आज वहां डबल इंजन की सरकार है. बस्तर क्षेत्र में शांति बहाल करने में कामयाब हो रहे हैं. सड़क, बिजली, पानी, राशन कार्ड, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल की व्यवस्था की जा रही है. छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अंतिम सांस ले रहा है. लोग नक्सलवाद से मुक्ति पाकर मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं. अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड और छत्तीसगढ़ का निर्माण किया.
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