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एन चंद्रशेखरन को मिली टाटा मोटर्स को घाटे से उबारने की जिम्मेदारी

  • 2020-21 में टाटा मोटर्स को 13,395 करोड़ रुपये का हुआ है घाटा
  • जनवरी 2017 से टाटा संस के चेयरमैन हैं एन चंद्रशेखर

Jamshedpur: कोरोना संकट की वजह से सभी उद्योग घाटे में चल रहे हैं. भारत की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स को भी वित्तीय वर्ष 2020-21 में भारी घाटा हुआ है. कंपनी को इस घाटे से उबारने की जिम्मेदारी अब टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को दी गई है. पिछले वित्तीय वर्ष में टाटा मोटर्स को 13,395 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. कोरोना इफेक्ट, लॉकडाउन और आर्थिक मंदी की वजह से कंपनी ने पिछले साल कई ब्लॉक क्लोजर लिये थे. इस बार भी अबतक 4 ब्लॉक क्लोजर लिये जा चुके हैं.

बोर्ड में चंद्रशेखरन के साथ 7 लोग शामिल

टाटा मोटर्स को घाटे से उबारने के लिए बनाए गए बोर्ड में चंद्रशेखरन के साथ टाटा मोटर्स के प्रबंध निदेशक व सीईओ गुंटर बुशेक भी शामिल हैं. इनके अलावा ओपी भट्ट, हैने सोरेनसेन, वेदिका भंडारकर, मित्सुहिको, थियरी बोलोरो और केवी चौधरी भी इस बोर्ड में शामिल हैं. बोर्ड अब कंपनी को घाटे से उबारने के लिए प्लानिंग तैयार कर रही है. हालांकि कंपनी ने अभी अपनी रणनीति का खुलासा नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि चंद्रशेखरन कोई न कोई करिश्मा जरूर करेंगे.

1987 से टाटा ग्रुप से जुड़े हैं एन चंद्रशेखरन

एन चंद्रशेखरन टाटा ग्रुप के साथ तीन दशक से जुड़े हैं. उन्होंने कोयंबटूर के इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी से स्नातक और त्रिचि इंजीनियरिंग कॉलेज से पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई की है. 1987 में टाटा समूह में योगदान दिया था. इसके बाद अक्टूबर 2016 में टाटा संस के बोर्ड में उन्हें शामिल किया गया. जनवरी 2017 में चंद्रशेखरन टाटा संस के चेयरमैन बनाए गए. फिलहाल ये 100 अरब डॉलर के टाटा समूह को आगे बढ़ाने में लगे हैं.

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