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राज्य के नए वित्तीय नियम में सरकारी राशि की सुरक्षा व जवाबदेही होगी तय, सेवा और वाणिज्य विभागों के लिए होंगे अलग प्रावधान

Ranchi: झारखंड के नए वित्तीय नियम में सरकारी राशि की सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी. इन नियमों का उद्देश्य सरकारी राशि के दुरुपयोग को रोकना है. साथ ही सरकारी कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना है. 
सरकारी राशि के दुरुपयोग के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगा. यदि किसी सरकारी कर्मचारी की लापरवाही या धोखाधड़ी के कारण सरकारी राशि का नुकसान होता है, तो वह व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगा.


सरकारी विभागों की भूमिका और जिम्मेदारी


नए वित्तीय नियम में सरकारी विभागों को मुख्य रूप में दो श्रेणियों में वर्गीकृत किये जाने की बात कही गई है. जिसमें सेवा विभाग और वाणिज्यिक विभाग या उपक्रम को शामिल किया गया है. इसमें कहा गया है कि सेवा विभाग वे होते हैं, जो सरकार के मूल कार्यों को पूरा करते हैं. जैसे न्याय, पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य, और लोक निर्माण, ये विभाग सरकार के अवधारणा का हिस्सा हैं और उनके कार्य सरकार के सामान्य कामकाज के संचालन के लिए आवश्यक हैं.

 

वाणिज्यिक विभाग या उपक्रम


वाणिज्यिक विभाग या उपक्रम वे होते हैं, जो सेवाएं प्रदान करने या वस्तुओं की आपूर्ति करने के उद्देश्य से स्थापित किए जाते हैं. ये विभाग वाणिज्यिक सिद्धांतों पर काम करते हैं और उनके कार्य जरूरी नहीं कि सरकारी कार्य हों.


नुकसान की होगी रिपोर्टिंग


यदि किसी प्राकृतिक आपदा या अन्य कारण से सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचता है, तो विभागीय अधिकारी को तुरंत विभागाध्यक्ष और सरकार को सूचित करना होगा. इसके बाद एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें नुकसान के कारण और सीमा का विवरण होगा.


खातों का रखरखाव


सरकारी कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों के साथ-साथ खातों का सही रखरखाव भी करना होगा. इसके लिए उन्हें वित्तीय नियमों और प्रक्रियाओं का ज्ञान होना आवश्यक है. सरकारी बकाया और जमा को चेक, बैंक ड्राफ्ट, बैंकर्स चेक, पोस्टल ऑर्डर, मनी ऑर्डर, बैंक क्रेडिट चालान, ई-भुगतान या नकद के रूप में स्वीकार किया जा सकता है. सरकारी कर्मचारियों को सरकारी बकाया और जमा के लिए रसीदें जारी करनी होंगी और उनका सही रखरखाव करना होगा.

 

नए वित्तीय नियम की फैक्ट फाइल


•    सरकारी कर्मचारी अपनी लापरवाही या धोखाधड़ी के कारण सरकारी धन के नुकसान के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे.
•    सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय नियमों और प्रक्रियाओं का ज्ञान होना आवश्यक है.
•    विभागीय नियंत्रण अधिकारियों का कर्तव्य है कि वे देखें कि सरकार को देय सभी राशियों का नियमित और शीघ्र मूल्यांकन, वसूली और राज्य के समेकित निधि और/या लोक लेखा में विधिवत जमा किया जाए.
•    नियंत्रण अधिकारी अपने अधीनस्थों से उपयुक्त प्रपत्र में मासिक खाते और विवरण प्राप्त करने की व्यवस्था करेंगे और महालेखाकार द्वारा प्रस्तुत राजकोष जमा विवरणों से उनकी तुलना करेंगे.


सरकारी राशि की सुरक्षा के लिए कदम


•    सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करना होगा.
•    सरकारी धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए नियमित जांच और ऑडिट किया जाना चाहिए.
•    सरकारी कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक होना और सरकारी धन की सुरक्षा के लिए काम करना होगा.


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