Ranchi : सिरम टोली सरना स्थल सौंदर्यीकरण विवाद में नया मोड़ आ गया है. नेशनल एसटी कमीशन ने इस पर संज्ञान लेते हुए संंबंधित विभाग एवं अफसर को 12 अप्रैल को आयोग में हाजिर होने के लिए समन भेजा है. कहा है कि यह कार्य आदिवासी कल्याण मंत्रालय का है. जबकि इस काम के लिए जिम्मेवार अफसर रांची डीसी, रांची जिला कल्याण पदाधिकारी और नियुक्त मजिस्ट्रेट रांची सीओ अमित भगत हैं. इसलिए इन तीनों में किसी एक को एसटी आयोग के समक्ष उपस्थित होना होगा. आयोग के ऑफिसर एचआर मीना द्वारा जारी समन में कहा गया है कि 24 अप्रैल 2022 को ही सिरम टोली ग्राम निवासी अरविंद हंस एवं अन्य सांस्कृतिक एवं धार्मिक स्थल के संरक्षण और इसे बचाने को लेकर आए थे. इसलिए संबंधित अथॉरिटी 12 मई को शाम 4 बजे तक आयोग कार्यालय दिल्ली उपस्थित हों.
नेशनल एसटी आयोग में गुहार लगायी थी
सिरम टोली सौंदर्यीकरण एवं पांच मंजिला भवन बनाने को लेकर उठे विवाद के बाद अरविंद हंस एवं अन्य लोगों ने नेशनल एसटी आयोग में गुहार लगायी थी. गत 28 अप्रैल को शिलान्यास के एक साल बाद रांची पुलिस प्रशासन और प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट अमित भगत के नेतृत्व में भारी विरोध एवं विवाद के बीच सिरम टोली सौंदर्यीकरण का काम शुरू कराया गया. इसके बाद विरोधकर्ता अरविंद हंस एवं अन्य ने फिर से एसटी आयोग का दरवाजा खटखटाया था. मालूम हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा पिछले वर्ष ही इस योजना का शिलान्यास किया गया था.
क्या है सौंदर्यीकरण योजना
- सीएम ने पिछले वर्ष 7 अप्रैल को किया था शिलान्यास, 4.58 करोड़ का है बजट.
- मंच और स्टेज बनाया जाएगा
- पांच मंजिला भवन होगा, जिसमें हॉल भी रहेंगे
- गेट और चहारदीवारी ओड़िशा के कारीगर बनायेंगे. इसमें आदिवासी संस्कृति और झारखंड के शहीदों की झलक मिलेगी
- स्टूडेंट्स के स्टडी के लिए एक लाइब्रेरी का भी निर्माण किया जाएगा
पांच मंजिला भवन बनाने का हो रहा है विरोध
न्यू गार्डेन सिरम टोली सरना स्थल के अध्यक्ष सुमित कच्छप, देवकी हंश, मंजू हंस, सन्नी हेमरोम आदि ने कहा कि उनका विरोध सौंदर्यीकरण को लेकर नहीं है और न ही जमीन विवाद है. उनका विरोध केवल इसलिए है कि पांच मंजिला भवन बनने से सरना स्थल छोटा हो जाएगा. अभी इस रोड में फ्लाईओवर भी बन रहा है, जिसमें सरना स्थल की चहारदीवारी टूटनी है. इससे सरना स्थल और छोटा हो जाएगा. सौंदर्यीकरण हो, मगर पांच मंजिला भवन न बने, क्योंकि इसके लिए सरना स्थल की बड़ी जगह खत्म हो जाएगी. इसलिए इसका निर्माण किसी भी कीमत पर होने नहीं देंगे.
समर्थकों के भी हैं अपने तर्क
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, अखिल भारतीय आदिवासी जनपरिषद की कुंदरसी मुंडा, आदिवासी अधिकार मोर्चा के लक्ष्मी नारायण मुंडा, सिरम टोली मौजा के संतोष तिर्की आदि ने बताया कि इसका निर्माण पूरी तरह से आदिवासी सभ्यता-संस्कृति और रीति-रिवाज को देखकर किया जा रहा है. काम शुरू होने के पहले आम सभा हुई, जिसमें सिरम टोली मौजा के सभी टोलों के सामाजिक अगुवा, आदिवासी संगठन के प्रतिनिधि और पाहन शामिल हुए. बहुमत से इसका समर्थन किया गया. जो लोग विरोध कर रहे हैं, वही लोग इस स्थल को वर्षों पूर्व बेच चुके थे. समाज के लोगों ने इसे बचाकर सरना स्थल के रूप में पहचान दिलायी.
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