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Jamshedpur( Dharmendra Kumar) : गोलमुरी स्थित एनटीटीएफ आरडी टाटा तकनीकी संस्थान में शुक्रवार को दुर्गोत्सव के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें विद्यार्थी एवं शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कार्यक्रम का शुभारंभ इंस्टीट्यूट की प्राचार्य प्रीता जॉन एवं उप प्राचार्य रमेश राय ने दीप प्रज्वलन कर किया. मौके पर प्राचार्य ने कहा कि जगतजननी मां दुर्गा शक्ति स्वरूप है और दशहरा असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छी की विजय का प्रतीक है.
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तत्पश्चात छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर समां बांध दिया. छात्र छात्रा ने कई रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये. जिसमे फैशन शो, नृत्य, गायन, रैंप वॉक आदि शामिल था. स्वागत गान शिक्षक दीपक ओझा द्वारा प्रस्तुत किया गया.कार्यक्रम की संयोजक मिथिला एवम स्मृति रही. इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं एवम विद्यार्थी उपस्थित थे.
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जमशेदपुर : पूजा पंडालों में स्वास्थ्य विभाग ने लगाया पोस्टर
Jamshedpur : जमशेदपुर में दुर्गा पूजा पंडालों में स्वास्थ्य विभाग ने श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए पोस्टर लगाए हैं. पोस्टर में लोगों को श्रद्धालुओं को डेंगू सहित अन्य मच्छर जनित रोगों से बचाव की जानकारी दी गई है. पूजा कमिटी को लोगों को जागरूकता करने के लिए ऑडियो भी दिया गया है. इस संबंध में नोडल पदाधिकारी डॉ.असद ने बताया कि शहर के प्रमुख पंडालों में जलजमाव और डेंगू के लार्वा की जांच की गई.
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कुछ पंडालों के आसपास एंटी लार्वा का छिड़काव किया गया है. पूजा कमिटी को खुले में डस्टबिन नहीं रखने और साफ सफाई का ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करना हमारा उद्देश्य है. पूजा में सभी लोग पंडाल में माता का दर्शन करने आते हैं. डेंगू से बचाव के जागरूकता की सबसे महत्वपूर्ण उपाय है.
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जेटीएस ने बोम्माला कोलुवु प्रतियोगता का किया आयोजन
Jamshedpur : तेलुगु समुदाय के अखिल भारतीय सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन, अखिल भारतीय तेलुगु समुदाय कल्याण संघ (एआईटीसीडब्ल्यूए) के तत्वावधान में झारखंड तेलुगु सेना (जेटीएस) द्वारा बोम्माला कोलुवु (गुड़िया का प्रदर्शन) को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से प्रतियोगिता का आयोजन जमशेदपुर स्तर पर किया जाएगा है. इस संबंध में जेटीएस के महासचिव पी. सीताराम राजू ने बताया कि बोम्मला कोलुवु की खोई हुई महिमा को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से एआईटीसीडब्ल्यूए की राज्य शाखा जेटीएस द्वारा दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान “बोम्माला कोलुवु” प्रतियोगिता आयोजित करने का निर्णय लिया है. शुरुआत में इसे जमशेदपुर में आयोजित करेंगे, जहां तेलुगु समुदाय की लगभग 1.30 लाख आबादी रहती है. उन्होंने कहा कि अगले साल से प्रतियोगिता का विस्तार राज्य के अन्य हिस्सों में किया जाएगा. प्रतियोगिता का आयोजन जेटीएस महिला विंग की अध्यक्ष जी विजया लक्ष्मी के नेतृत्व में किया जाएगा.
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इसका उद्देश्य झारखंड में लुप्त हो रही संस्कृति को पुनर्जीवित करना और साथ ही हमारी युवा पीढ़ी को इसके महत्व को समझाना है. वहीं जेटीएस संयोजक जी गोपाल कृष्ण ने कहा कि छह तेलुगु परिवारों ने अब तक प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अपनी सहमति दी है. दक्षिण भारत में विशेष रूप से अविभाजित आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में बोम्मला कोलुवु ”दशहरा” का पर्याय है. बोम्मला कोलुवु मुख्य रूप से महिलाओं, अविवाहित लड़कियों द्वारा लकड़ी की सीढ़ियों व तख्तों पर गुड़िया और मूर्तियों का कलात्मक प्रदर्शन है. बोम्माला कोलुवु, नवरात्र उत्सव के दौरान विभिन्न प्रकार की गुड़ियों और मूर्तियों के माध्यम से संस्कृतियों को प्रदर्शित करने और पौराणिक कहानियों को चित्रित करने का एक पारंपरिक तरीका है. इसमें लकड़ी की सीढ़ियों, तख्तों की संख्या अक्सर विषम संख्या में 1 से लेकर नौ तक होती है, जो की नवरात्र के नौ दिव्य दिनों का प्रतीक है. यह भारत के दक्षिणी राज्यों में दशहरा उत्सव या संक्रांति के दौरान व्यापक रूप से प्रदर्शित किया जाता है. इस अवसर पर विजया लक्ष्मी ने कहा कि बोम्माला कोलुवु की व्यवस्था करने के लिए धैर्य और रंगों की समझ होनी चाहिए, जो परिवार के सदस्यों और दोस्तों के लिए एक साथ आने और गुणवत्तापूर्ण समय बिताने का एक अवसर है.
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यहां मानगो के ग्रीन सिटी आवासीय परिसर की निवासी एक प्रतिभागी एस वसंती ने चार सदस्यीय जेटीएस जूरी को बताया कि वह पिछले 27 वर्षों से बिना किसी रुकावट के बोम्मला कोल्लुवु का आयोजन कर रही हैं. लक्ष्मी, टी कविता, पी अलेख्या और मलाथी सहित चार सदस्यीय जूरी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के घरों का दौरा करेगी और गुड़िया की व्यवस्था, थीम और महत्व पर कुछ प्रश्नों के आधार पर सर्वश्रेष्ठ तीन का चयन करेगी. विजेता को 1 नवंबर को आंध्र दिवस पर से सम्मानित किया जाएगा. अन्य लोगों में, ग्रीन एन्क्लेव, कदमा की सीएच माधुरी और सुचिता अपार्टमेंट, सोनारी के टी नागमणि दो दशकों से अधिक समय से इस परंपरा का पालन कर रहे हैं.
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कमरे के एक छोटे से क्षेत्र में विशेष रूप से रोशनी की गई. बसंती ने गुड़ियों के प्रदर्शन के अलावा चंद्रमा पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग का भी प्रदर्शन किया. प्रत्येक चरण में देवी-देवताओं की मूर्तियों के साथ लकड़ी, मिट्टी, कपड़े, पीतल और चांदी से बनी गुड़िया की व्यवस्था की जाती है. आयोजकों के लिए नौ दिनों के दौरान सुबह और शाम को पूजा करना जरूरी है. अंतिम दिन, उत्सव के अंत का संकेत देने के लिए एक गुड़िया को सपाट रखा जाता है. नौ दिनों के दौरान, बोम्मला कोलुवु (गुड़ियाओं की एक प्रकार की प्रदर्शनी) देखने आने वाले रिश्तेदारों और दोस्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है.
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