New Delhi : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) दिल्ली कार विस्फोट मामले की जांच करने आज शाम फरीदाबाद स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज पहुंची. बता दें कि सुरक्षा एजेंसियों ने अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में 8 नवंबर, को छापेमारी की थी.
#WATCH | Faridabad, Haryana | Investigation agencies arrive at Al Falah University to probe at Faridabad terror module case pic.twitter.com/AMWjSlHvtX
— ANI (@ANI) November 12, 2025
यहां से हथियार और विस्फोटक बरामद किये गये थे. जांच के क्रम में सामने आया कि गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में काम करता था. जैश मॉड्यूल से जुड़ा डॉक्टर उमर भी इसी संस्थान में कार्यरत था.
दरअसल दिल्ली धमाका में शामिल आतंकियों का ग्रुप अल फलाह यूनिवर्सिटी से ही संचालित हो रहा था. सूत्रों का मानें तो धमाकों की साजिश जनवरी से जारी थी फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ शाहीन शाहिद ने कबूला किया है कि वह दो साल से विस्फोटक जमा कर रही थी.
इस बात का खुलासा हुआ है कि शाहीन और उसके सहयोगियों को मिलाकर व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल तैयार किया गया था. इसमें पेशेवर लोगों को जोड़ा गया था. इस ग्रुप में शामिल आतंकियों के तार जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े थे.
जांच एजेंसियों के अनुसार यह ग्रुप धार्मिक स्थलों पर विस्फोट कर देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहता था. इसके लिए कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और अनंतनाग के डॉक्टरों को चुना गया, ताकि वे बेरोकटोक कहीं भी आ-जा सकें. इन पर कोई शक न करे.
पुलिस के अनुसार दिल्ली धमाका करने वाले आतंकियों के पास दो कारें थीं. एक कार लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट कार (DL10-CK-0458 है) थी. दिल्ली पुलिस ने आज बुधवार शाम कार हरियाणा के खंदावली गांव के पास से बरामद कर ली है कार डॉ. उमर उन नबी के नाम पर है.
सूत्र बताते हैं कि आतंकियों ने देशभर में 200 बमों की सहायता से (IEDs) से 26/11 जैसे हमले करने की साजिश रची थी. दिल्ली का लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब और गौरी शंकर मंदिर आदि जगहों पर धमाके का प्लान था. आतंकियों की देशभर के रेलवे स्टेशन और बड़े मॉल्स पर भी नजर थी.
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