Ranchi: केंद्र सरकार ने वित्तीय प्रबंधन में बड़ा परिवर्तन करते हुए केंद्र प्रायोजित योजनाओं की राशि अब सीधे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) में रखने और सभी भुगतान ई-कुबेर प्रणाली के माध्यम से करने का निर्देश जारी किया है. यह नया मॉडल फंड-फ्लो को अधिक पारदर्शी, केंद्रीकृत और नियंत्रित बनाएगा.
इसको लेकर झारखंड सरकार ने भी निर्देश दिया है कि भुगतान केवल आरबीआई-ई-कुबेर से ही होंगे. एसएनए खातों में पड़ी अप्रयुक्त केंद्रीय राशि तुरंत केंद्र को वापस किया जाए. डीबीटी आधारित भुगतान को तेजी से बढ़ाएं. योजनाओं की प्रगति-रिपोर्ट समय पर भेजें.
राज्य सरकार ने तय की समय सीमा
इसके लिए राज्य सरकार ने समय सीमा तय कर दी है. वर्ष 2025 के अंत तक झारखंड की सभी सीएसएस(केंद्रीय योजना) और एसएलएस योजनाएं(राज्य योजना) स्पर्श प्लेटफॉर्म पर शत-प्रतिशत फीसी ऑन-बोर्ड होंगी. राशि विमुक्त और इसके उपयोग की रियल टाइम मॉनिटिरिंग की जाएगी. फंड-फ्लो को पूर्ण पारदर्शी, समयबद्ध और जवाबदेह प्रणाली में बदला जाएगा.
नई प्रणाली का फैक्ट फाइल
• पैसा सीधे आरबीआई में: योजनाओं का पैसा अब राज्य के बैंकों में जमा नहीं होगा, बल्कि सीधे आरबीआई में जमा होगा.
• ई-कुबेर प्लेटफॉर्म से भुगतान: सभी भुगतान केवल आरबीआई-ई-कुबेर प्लेटफॉर्म से होंगे.
• फंड का उपयोग अधिक निगरानी योग्य: केंद्र ने साफ किया है कि इससे फंड का उपयोग अधिक निगरानी योग्य और मिसमैनेजमेंट-प्रूफ हो सकेगा.
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