Ranchi: राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर रूपेश को राज्य सरकार ने दूसरी बार सस्पेंड कर दिया है. चिनिया(गढ़वा) के तत्कालीन बीडीओ रूपेश कुमार पर आरोप है कि फर्जी तरीके से दूसरे व्यक्ति के खतियान एवं गलत शपथ-पत्र के आधार पर पिछड़ा वर्ग-1 का जाति प्रमाण-पत्र बनवाकर चतुर्थ जेपीएससी परीक्षा पास की थी.
इसके बाद रूपेश कुमार के खिलाफ विभागीय कार्यवाई हुई. विभागीय कार्यवाई के समीक्षा के बाद रूपेश कुमार से 18 अक्टूबर 2016 को सेवा से बर्खास्त करने के लिए द्वितीय कारण पृच्छा की गयी है. लेकिन रूपेश कुमार द्वारा जवाब समर्पित न कर पत्र में कहा गया है कि उनके द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है.
18 जुलाई 2024 को फिर से गठित किया गया आरोप
झारखंड राज्य एवं अन्य बनाम रूपेश कुमार में झारखंड हाईकोर्ट के द्वारा दिनांक 18 जुलाई 2024 को पारित न्यायादेश के आलोक में रूपेश कुमार के विरूद्ध विभाग स्तर पर नये सिरे से आरोप गठित किया गया.
इस बीच रूपेश कुमार की पत्नी नेहा कुमारी द्वारा अभ्यावेदन समर्पित किया गया. जिसमें कहा गया कि वर्तमान में वे गर्भवती हैं. उनके पति काफी सालों से निलंबित है. उनके निलंबित रहने के कारण इनकी मानसिक, शारीरिक, आर्थिक आदि स्थिति काफी दयनीय हो गयी है. नेहा कुमारी द्वारा समर्पित आवेदन की समीक्षा की गई.
समीक्षा के बाद निर्णय लिया गया कि रूपेश कुमार के विरूद्ध प्रतिवेदित आरोप काफी गंभीर प्रकृति के हैं. इसलिए जांच पूर्ण होने तक रूपेश कुमार को निलंबित रखा जाना समीचीन प्रतीत होता है. निलंबन अवधि में रूपेश कुमार का मुख्यालय प्रमंडलीय आयुक्त का कार्यालय, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल, हजारीबाग किया गया है. कार्मिक ने इसका आदेश जारी कर दिया है.
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