पहली पाली में 40 और दूसरी पाली में 20 मरीज को मिला ओपीडी में परामर्श
रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ डीके सिन्हा ने कहा कि राज्य में ओमीक्रॉन का खतरा मंडरा रहा है और यह तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है. इसी को ध्यान में रखते हुए रिम्स के आउटडोर में मात्र 60 मरीजों को ही चिकित्सक परामर्श देंगे, जिसकी शुरुआत आज से हो गयी है. गौरतलब है कि पहली पाली में 40 मरीज, जबकि दूसरी पाली में 20 मरीजों को ही चिकित्सक परामर्श देंगे. डॉ डीके सिन्हा ने कहा कि अमूमन रिम्स के आउटडोर में डेढ़ सौ के करीब मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए संख्या को कम किया गया है.रिम्स के सैकड़ों डॉक्टर, नर्स और स्टाफ हो चुके हैं संक्रमित
कोरोना के बढ़ते संक्रमण से रिम्स के चिकित्सक, नर्स और स्टाफ भी अछूता नहीं हैं. यहां के सैकड़ों डॉक्टर जिनमें सीनियर रेसिडेंट, जूनियर रेसिडेंट, मेडिकल के छात्र के अलावे नर्स और स्टाफ भी संक्रमित हुए हैं. इस वजह से अस्पताल में मैनपावर की कमी हो गयी है. इसी को ध्यान में रखते हुए रिम्स के ओपीडी में 60 मरीजों को ही डॉक्टरी सलाह की शुरूआत शुक्रवार से की गयी है.केस स्टडी
- गढ़वा से आये मरीज विष्णु कांत ने कहा कि आंख में अक्सर दर्द रहता है और जलन की समस्या है. रिम्स में इलाज के लिए आया था, लेकिन यहां पर पता चला कि डॉक्टर 60 मरीज को ही देखेंगे. अब समझ नहीं आ रहा क्या करें. - वहीं गुमला के सिसई से आयी मेहरून निशा ने कहा कि पेट में अक्सर दर्द रहता है. रिम्स में गाइनिकॉलजिस्ट से इलाज के लिए आयी थी, काउंटर पर पूछने पर पता चला कि अब रजिस्ट्रेशन नहीं होगा. बताया गया की व्यवस्था में बदलाव हुआ है. इसे भी पढ़ें – पंजाब">https://lagatar.in/punjab-government-submits-report-to-the-home-ministry-in-the-matter-of-pms-security-lapse/">पंजाबसरकार ने पीएम की सुरक्षा चूक मामले में गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट [wpse_comments_template]

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