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नर्सिंग,पारामेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहे कई अस्पताल, RIMS को एक हजार नर्सों की जरूरत

2019 में निकाला गया नियुक्ति विज्ञापन चला गया ठंडे बस्ते में

Pravin Kumar

Ranchi: स्वास्थ्य व्यवस्था की नींव नर्सिंग स्टाफ और पारा मेडिकल स्टाफ पर ही होती है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल तक नर्सिंग स्टाफ और पारा मेडिकल स्टाफ की जरूरत होती है. बढ़ते कोरोना संक्रमितों को देखते हुए नर्सिंग स्टाफ की आवश्यकता बढ़ती जा रही है. जो कर्मचारी उपस्थित हो रहे हैं उनमें भी कई संक्रमित हो गए हैं. दूसरी ओर नर्सों के घर वालों की तरफ से लगातार कहा जा रहा है कि अस्पताल में संक्रमित मरीजों का इलाज करते-करते कहीं घर वाले भी संक्रमित न हो जायें. इसके बाद भी कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में बुलंदी से नर्सिंग स्टाफ खड़े हैं.

अनुबंध पर सेवा दे रहे नौ हजार पारा मेडिकल स्टाफ

कोरोना संक्रमण काल में नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ अपनी परवाह किये बगैर मरीजों की सेवा में जुटी हैं. राज्य में 9 हजार से अधिक अनुबंधित पारामेडिकल स्टाफ हैं. चिकित्सकों के साथ इन्हीं के भरोसे कोरोना का पहली जंग जितने में हम सफल रहे. ये अनुबंध कर्मी 10 साल से अधिक समय से अपनी सेवा दे रहे हैं. लेकिन अभी भी मानदेय के नाम पर इन्हें महज 15 हजार 465 रूपये ही दिया जाता है. सरकार इनको नियमित करने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रही है. अनुबंध पारामेडिकल स्टाफ के भरोसे कोरोना सैंपल कलेक्शन, मरीजों की देखभाल, समय पर दवा देना, टेस्टिंग जैसी जिम्मेवारी है.

राज्य में 4660 ANM और 550 GNM दे रही हैं सेवा

राज्य 4660 एएनएम और 550 जीएनएम सेवा दे रही हैं. उनका कहना है कि कोरोना काल में भी सरकार उनकी सुधि नहीं ले रही है. जंगल और पहाड़ों में घंटों पैदल चल वे लोगों को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ देती हैं. उनका कहना है पिछले साल ही सरकार ने उन्हे एक महीने का अतिरिक्त वेतन देने का ऐलान किया था जो अबतक नहीं मिला है.

 

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