New Delhi : ओबीसी (OBC) भागीदारी न्याय सम्मेलन में आज राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बोला. कहा कि नरेंद्र मोदी कोई हौव्वा नहीं है. मीडिया वालों ने सिर्फ गुब्बारा बना रखा है. मैं उनसे मिला हूं. बस शो-बाजी हैं, कोई दम नहीं है.
नरेंद्र मोदी कहते हैं 'हिंदू इंडिया', जबकि 50% हिंदू तो OBC हैं।
— Congress (@INCIndia) July 25, 2025
अगर हिंदू इंडिया है तो 👇
⦁ मीडिया और कार्पोरेट कंपनी में OBC क्यों नहीं हैं?
⦁ बड़े-बड़े एंकरों की लिस्ट में OBC वर्ग के लोग क्यों नहीं हैं?
ये लोग SC-ST, OBC वर्ग की जमीनें छीनकर अडानी को दे रहे हैं, इनके… pic.twitter.com/4nnVtSqVK9
किसी भी देश को उसकी उत्पादक शक्ति चलाती है।
— Congress (@INCIndia) July 25, 2025
वो उत्पादक शक्ति देश को इमारतें, सड़कें, स्कूल-कॉलेज, औजार.. जैसी जरूरी चीजें देती हैं।
इसलिए मेरा सवाल है कि अगर आप खून-पसीने और मेहनत से देश को बनाते हैं, तो देश आपको क्या देता है?
जवाब है- Annual Confidential Report (ACR) के जरिए… pic.twitter.com/8ot0zQDCCk
नरेंद्र मोदी कोई हौव्वा नहीं है।
— Congress (@INCIndia) July 25, 2025
मीडिया वालों ने सिर्फ गुब्बारा बना रखा है- मैं उनसे मिला हूं। बस शो-बाजी हैं, कोई दम नहीं है।
: नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi
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राहुल गांधी ने सम्मेलन में कहा कि किसी भी देश को उसकी उत्पादक शक्ति चलाती है. वो उत्पादक शक्ति देश को इमारतें, सड़कें, स्कूल-कॉलेज, औजार जैसी जरूरी चीजें देती हैं. राहुल ने पूछा कि अगर आप खून-पसीने और मेहनत से देश को बनाते हैं, तो देश आपको क्या देता है?
राहुल ने कहा कि Annual Confidential Report (ACR) के जरिए ओबीसी, आदिवासियों, दलितों के अधिकारों की हत्या कर दी जाती है. उन्होंने कहा कि आप नेशनल लेवल पर बड़े मंत्रालय देख लीजिए, वहां आपको ओबीसी, आदिवासी, दलितों के नाम नहीं मिलेंगे.
राहुल गांधी ने कहा, मोदी कहते हैं, हिंदू इंडिया. जबकि 50फीसदी हिंदू तो OBC हैं. अगर हिंदू इंडिया है तो मीडिया और कार्पोरेट कंपनी में OBC क्यों नहीं हैं? बड़े-बड़े एंकरों की लिस्ट में OBC वर्ग के लोग क्यों नहीं हैं?
राहुल ने आरोप लगाया कि ये लोग SC-ST, OBC वर्ग की जमीनें छीनकर अडानी को दे रहे हैं. , इनके सिस्टम में कोई OBC नहीं है, इसलिए हमने कहा है कि जहां भी कांग्रेस की सरकार होगी, हम जाति जनगणना करेंगे, ताकि हमें पता चले कि OBC वर्ग के लोगों की देश में कितनी भागीदारी और हिस्सेदारी है.
राहुल गांधी ने तेलंगाना का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां कि सरकार(कांग्रेस) के हाथ में जो डेटा आ गया है, उससे हम बता सकते हैं कि राज्य के सारे के सारे कॉरपोरेट्स और उनके मैनेजमेंट में कितने SC, ST, OBC वर्ग के लोग हैं.
हमारे पास डेटा है और उससे पता चलता है कि तेलंगाना में SC, ST, OBC वर्ग के लोगों को लाखों-करोड़ों का पैकेज नहीं मिल रहा है. वहीं, अगर हम मनरेगा, गिग वर्कर की लिस्ट निकालें तो सभी लोग SC, ST, OBC वर्ग से हैं. इस पर हमने तेलंगाना में काम किया है. उसने हिंदुस्तान की राजनीतिक जमीन हिला दी है.
राहुल ने भागीदारी न्याय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आप मेरी बहन प्रियंका से पूछिएगा कि अगर राहुल ने किसी काम के लिए मन बना लिया तो उस बात को वो छोड़ेगा या नहीं? मैं नहीं छोड़ने वाला.
ऱाहुल ने कहा कि देश में जातिगत जनगणना कराना मेरा पहला कदम है. मेरा लक्ष्य है कि आपके(ओबीसी) काम को हिंदुस्तान में सम्मान और भागीदारी मिले. कहा कि देश में दलित, पिछड़ा, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्ग की आबादी कुल मिलाकर करीब 90फीसदी है.
जब बजट बनने के बाद हलवा बांटा जा रहा था, तो वहां 90फीसदी की आबादी का कोई नहीं था. देश की 90 फीसदी की आबादी ही प्रोडक्टिव फ़ोर्स है. हलवा बनाने वाले लोग आप हैं, लेकिन हलवा वो खा रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा, अपने काम के बारे में मैं सोचता हूं कि मैंने कहां ठीक काम किया और कहां कमी रह गयी, जमीन अधिग्रहण बिल, मनरेगा,भोजन का अधिकार, ट्राइबल बिल आदि की लड़ाई, ये सारे काम मैंने ठीक किये. राहुल गांधी ने कहा, जहां तक आदिवासियों, दलितों, महिलाओं के मुद्दे हैं, वहां मुझे अच्छे नंबर मिलने चाहिए. मैंने अच्छा काम किया.
राहुल ने माना कि कांग्रेस पार्टी और उनके काम में एक कमी रह गयी. मुझे ओबीसी वर्ग की जिस तरह से रक्षा करनी थी, मैंने नहीं की. इसका कारण है कि मुझे ओबीसी के मुद्दे उस वक्त गहराई से नहीं समझ आये थे. 10-15 साल पहले दलितों के सामने जो कठिनाईयां थीं, वो मुझे समझ आ गयी थीं. उनके मुद्दे सामने हैं, वो आसानी से समझ आ जाते हैं, लेकिन ओबीसी की मुश्किलें छुपी रहती हैं.
मुझे अगर आपके मुद्दों और परेशानियों के बारे में उस वक्त पता होता तो मैं उसी वक्त जातिगत जनगणना करवा देता. वो मेरी गलती है, जिसे मैं ठीक करने जा रहा हूं. ये एक तरह से अच्छा ही हुआ, क्योंकि अगर उस समय मैंने जातिगत जनगणना करवा दी होती, तो वो आज जैसी नहीं होती.
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