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शिक्षक दिवस पर संत पॉल्स कॉलेज में होगा 'प्रतिभा महोत्सव', छात्र दिखाएंगे हुनर

Ranchi :  शिक्षक दिवस सिर्फ शिक्षकों का सम्मान करने का अवसर नहीं, बल्कि शिक्षक और छात्रों के बीच संवाद, सहयोग और विश्वास को मज़बूत करने का दिन भी है. इसी भावना के साथ रांची के बहुबाजार स्थित संत पॉल्स कॉलेज में 5 सितंबर को एक भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा. 

 

इस समारोह को प्रतिभा महोत्सव का नाम दिया गया है, जिसमें छात्र-छात्राएं अपनी रचनात्मकता और बहुआयामी कौशल का प्रदर्शन करेंगे. कार्यक्रम सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा.

 

मंगलवार को कॉलेज में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में प्रिंसिपल डॉ. अनुज तिग्गा ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी. इस दौरान सचिव पीटर बारला, डॉ. सीमा तालान, डॉ. विमल कुमार साहु, मुकुट लाल कुजुर और शिक्षक ओमेगा राय मौजूद थे. 

 

कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन

कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, प्रतिभा महोत्सव में डांस प्रतियोगिता, विज्ञान प्रदर्शनी और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लगभग 300 छात्र-छात्राएं भाग लेंगे. इससे विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलेगा. साथ ही उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.

 

मुख्य अतिथि के साथ निर्णायक मंडली भी होगी शामिल

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीएनआई चर्च के बिशप बीबी बास्के होंगे. वहीं प्रतिभागियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए निर्णायक मंडली में अलिशा गौतम, अभिजल कंडुलना और मयंक टोप्पो (इंडिया टैलेंट फेम) मौजूद रहेंगे. 

 

शिक्षक दिवस को मिलेगा शैक्षणिक मेले का रूप

इस बार शिक्षक दिवस को पारंपरिक कार्यक्रम से आगे बढ़ाकर शैक्षणिक मेले का रूप देने की योजना है. इससे छात्रों को ना सिर्फ सांस्कृतिक मंच मिलेगा, बल्कि उन्हें फूड स्टॉल लगाने का भी अवसर मिलेगा. इन फूड स्टॉलों का संचालन खुद छात्र करेंगे. इसका उद्देश्य छात्रों में उद्यमिता और आत्मनिर्भरता की भावना को विकसित करना है. 

 

कॉलेज प्रबंधन का मानना है कि बदलते समय में हर छात्र को नौकरी मिलना संभव नहीं, इसलिए उद्यमिता और स्वावलंबन की भावना विकसित करना बेहद जरूरी है. इस तरह के कार्यक्रम से छात्रों को रोजगार के विकल्प तलाशने की प्रेरणा मिलेगी. 

 

शिक्षक और छात्रों के बीच की दूरी कम करना कार्यक्रम का उद्देश्य

कॉलेज शिक्षकों ने बताया कि इस आयोजन का मूल उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों के बीच बढ़ती दूरी को संवाद और सहयोग के माध्यम से कम करना है. कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. अनुज तिग्गा ने कहा कि शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों के मन से डर को हटाएं और उन्हें सही मार्गदर्शन दें. तभी छात्र आत्मविश्वास के साथ अपना करियर और भविष्य गढ़ सकेंगे.

 

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