Ranchi: जगन्नाथपुर के मौसीबाड़ी में भक्ति और बाजार की रंगत ने मेले को खास बना दिया है. श्रद्धालुओं की भीड़, परंपराओं की गूंज और दुकानों की चहल-पहल से पूरा क्षेत्र उत्सवमय हो गया है.
छह जुलाई को घुरती रथयात्रा है. नौ दिनों तक मौसीबाड़ी में विराजमान भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और माता सुभद्रा को रथ में बिठाकर वापस मंदिर लाया जाएगा, जहां तीनों विग्रहों की पुनः स्थापना की जाएगी. इस दौरान विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होगा, जिसका नेतृत्व पुजारी रामेश्वर पाढ़ी करेंगे.
पूर्व संध्या पर भव्य भोग वितरण हुआ. भक्तों के बीच 400 क्विंटल चावल, मूंग दाल से बनी खिचड़ी और 251 लीटर दूध से तैयार खीर का वितरण किया गया.
बारिश में भी भीड़, मौसीबाड़ी में उमड़ा आस्था का सैलाब
मंदिर से लगभग आधा किलोमीटर दूर स्थित मौसीबाड़ी में 27 जून को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को रथ में विराजमान कर लाया गया था. तब से लेकर अब तक नौ दिनों तक यहां श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी रहीं.
शनिवार को बारिश की फुहारों के बीच भी भक्तों की भीड़ कम नहीं हुई. थाली, नारियल, सिंदूर, अगरबत्ती और माचिस की डिब्बियां लिए भक्त कतारबद्ध होकर मंदिर में प्रवेश का इंतजार करते नजर आए. उनके चेहरों पर गहरी आस्था स्पष्ट झलक रही थी.
रथ को मानते हैं भगवान का साक्षात स्वरूप
तीनों विग्रहों के रथ को श्रद्धालु भगवान का साक्षात स्वरूप मानते हैं. रथ के चारों ओर खड़े पुजारी भक्तों द्वारा चढ़ाए गए प्रसाद को स्वीकार कर रहे थे. भक्तों ने रथ पर लाल चुनरी, मौली धागे, अगरबत्ती, इलायची और बादाम अर्पित किए. माथा टेकते हुए वे मनोकामनाएं मांगते दिखे.