Washington : अमेरिका में एक भारतीय डेलिगेशन का नेतृत्व कर रहे केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर से उनके बेटे पत्रकार इशान थरूर (वॉशिंगटन पोस्ट) ने पूछा कि क्या किसी देश ने पहलगाम हमले में पाकिस्तान के शामिल होने का सबूत मांगा है, खासकर जब पाकिस्तान इनकार कर रहा है?
शशि थरूर का जवाब था कि अगर पाकिस्तान के खिलाफ पुख्ता सबूत न होते, शशि थरूर का कहना था कि तो भारत ने जो कार्रवाई की, वो नही की जाती. किसी को कोई शक नहीं था और हमसे किसी ने सबूत नहीं मांगा. मीडिया ने दो-तीन जगहों पर हमसे ये सवाल किया है. बस मेरा यह कहना है कि अगर हमारे पास भरोसेमंद सबूत न होते तो हमने कार्रवाई न की होती.
थरूर ने अपने पत्रकार बेटे के एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तान का 37 साल का इतिहास है कि वह हमेशा किये गये आतंकी हमलों को लेकर मुकर गया है.
थरूर ने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय तक इनकार करता रहा कि उसे ओसामा बिन लादेन के लोकेशन के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन बाद में वह पाकिस्तान के कैंट इलाके में आर्मी कैंप के पास एक सेफ हाउस में मिला.
पाकिस्तान 2008 के मुंबई हमले(26/11) में शामिल होने से इनकार करता रहा. जो आतंकी पकड़ाया, उसका नाम, उसकी पहचान, उसका पता सब पाकिस्तानी था. पुलिस की पूछताछ में उसने सब बताया था कि उसे कहां ट्रेनिंग मिली थी.
थरूर ने कहा कि लश्करे-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) नामक आतंकी संगठन ने पहलगाम हमला होने के 45 मिनट के अंदर ही उसकी जिम्मेदारी ली थी. पाकिस्तान के मुरीदके से ऑपरेट होने वाले इस संगठन पर संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने प्रतिबंध लगा रखा है.
थरूर ने कहा कि भारत द्वारा की गयी 7 मई की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के आतंकियों के जनाजे पाकिस्तान में निकाले गये. जिनमें वहां के अधिकारी भी शामिल हुए थे. इन जनाजों की सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हुई. जनाजे आतंकियों के परिवार वालों द्वारा रखे गये थे. पाकिस्तानी जनरल्स और पुलिस अधिकारी वर्दी में इन जनाजों में शामिल हुए थे.
शशि थरूर ने यहां अमेरिकी थिंक टैंक के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में भारत और चीन के रिश्ते सुधर रहे थे, लेकिन इस टकराव के बाद चीजें बदल गयी हैं. श्री थरूर ने भारत की ओर से दुनिया को आगाह किया कि पाकिस्तान को लेकर हमारे धैर्य को हल्के में न लें.
शशि थरूर ने कहा कि चीन का बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) है. पाकिस्तान के 81फीसदी रक्षा उपकरण चीन से आते हैं. वेपन सिस्टम चीन के हैं इसलिए पाकिस्तान के साथ हमारे टकराव में चीन को नजरअंदाज करना बिल्कुल असंभव है.
पाकिस्तान अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अस्थायी सदस्य है. अप्रैल में हुए पहलगाम हमले के बाद UNSC ने एक प्रेस स्टेटमेंट जारी किया था, इसमें हमले की कड़ी निंदा की गयी थी. कहा गया था कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए. हालांकि, पाकिस्तान और चीन की मदद से स्टेटमेंट से द रेजिस्टेंस फ्रंट का नाम हटा दिया गया था, जिसने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी.
थरूर ने कहा, अगर पाकिस्तान हमें अकेला छोड़ दे तो, तो हम उसे अकेला छोड़कर खुश रहेंगे. लेकिन अगर उन्होंने इसे फिर से होने दिया, तो उनपर जवाबी हमला किया जायेगा. हमजोरदार तरीके से जवाब देंगे. हम यहां सिर्फ यह कहने के लिए आये हैं कि हमारे धैर्य को हल्के में न लें.
एक बात और कि इससे पहले काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में थरूर से पूछा गया था कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ लड़ाई में चीन के सैन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर रहा है, तो क्या इस पर दोबारा विचार किया जा रहा है, थरूर ने कहा कि जब भारत ने देखा कि पाकिस्तानी चीनी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें रडार, जीपीएस, विमान और मिसाइलें( किल चेन) एक साथ जुड़ी होती हैं
यह तुरंत प्रतिक्रिया करती हैं, तो भारत ने अलग हटकर सोचा. रणनीति बदली. इसी वजह से भारत पाकिस्तान के 11 हवाई क्षेत्रों को निशाना बना पाया और चीनी एयर डिफेंस को भेद पाया.